Onion Price: पिछले साल पैदावार में आई गिरावट, फिर इस बार क्यों बढ़ रहे आलू और प्याज के दाम; बिगड़ा थाली का स्वाद
Onion Price Hike: मई के महीने के बाद आलू और प्याज का रेट तेजी से बढ़ा है. पिछले साल उत्पादन में कमी आने के बावजूद इस बार जरूरी सब्जियों की कीमत में तेजी क्यों आ रही है. कीमत बढ़ने से लोगों की किचन का बजट बिगड़ रहा है.
Onion Potato Price: पिछले एक महीने में आलू, प्याज और टमाटर के रेट में जबरदस्त तेजी आई है. टमाटर के रेट ने सेंचुरी लगा दी है, आलू 50 की तरफ बढ़ रहा है. प्याज का रेट पहले ही 50 के पार चला गया है. इन तीनों के ही दाम में अभी राहत मिलने के आसार नहीं हैं. पिछले साल कम पैदावार होने बाद प्याज और आलू की कीमत अभी काफी ज्यादा बनी हुई हैं. इन जरूरी सब्जियों की कीमत बढ़ने से लोगों के घर का बजट बिगड़ रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार टमाटर की कीमत सालभर में देखें तो थोड़ी कमी आई है. लेकिन पिछले महीने के मुकाबले यह अभी काफी महंगा है.
महंगाई से बचने के लिए आलू-प्याज की तरफ गए लोग
अधिकारियों को उम्मीद है कि खरीफ सीजन में सब्जी की पैदावार बढ़ने से खाने की चीजों के दाम में गिरावट से महंगाई कम होगी. सब्जियों की पैदावार से बाजार में आवक बढ़ेगी और दाम नीचे आएंगे. अधिकारियों का कहना है कि गर्मी बढ़ने और बारिश नहीं होने से सब्जियों की पैदावार घटी है. इसका असर यह हुआ कि दुकान पर सब्जियां कम मिलने लगीं. महंगाई से बचने के लिए लोगों ने आलू, प्याज और टमाटर का रुख किया तो इनकी कीमत भी आसमान चढ़ने लगी.
आलू दोगुने से ज्यादा महंगा हो गया
एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले प्याज और आलू दोगुने से ज्यादा महंगे हो गए हैं. 1 जून 2023 को प्याज का होलसेल रेट 1,260 रुपये प्रति क्विंटल था. इस बार 30 जून 2024 को यह बढ़कर 2,603 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया. इस तरह यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा हो गया. आलू का थोक भाव 1,076 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2,116 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया.
पिछले साल के मुकाबले जून में टमाटर का थोक रेट 40% गिरा
सालाना आधार पर पिछले साल जून के मुकाबले इस बार जून में टमाटर का थोक रेट 40% गिरा है. एक साल पहले इस समय टमाटर का होलसेल प्राइस 5680 रुपये प्रति क्विंटल था, जो कि घटकर 3368 रुपये पर आ गया. ध्यान देने वाली बात यह है कि मई के मुकाबले टमाटर के दाम बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं. मई में 100 किलो टमाटर 1586 रुपये का था, जो जून में बढ़कर 3368 रुपये पर पहुंच गया यानी दोगुने से भी ऊपर.
प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाया गया
सब्जियों का कंज्यूमर इंफलेशन बॉस्केट में 6% का हिस्सा होता है. प्याज, आलू और टमाटर पर हर महीने सब्जियों पर होने वाले कुल खर्च का 44% होता है. एक साल में आलू 57 प्रतिशत महंगा हो गया है. दूसरी तरफ टमाटर में गिरावट है, लेकिन एक महीने पहले के मुकाबले इसका रेट 31 प्रतिशत चढ़ गया है. दुनियाभर में सबसे ज्यादा प्याज पैदा करने वाले भारत ने दिसंबर में प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी. इसे 4 मई को हटाया गया है.
अब निर्यात करने पर 40% का शुल्क देना होता है. अप्रैल से ही तेज गर्मी और बारिश में कमी के कारण भिंडी, लौकी, सेम, गोभी और शलगम जैसी सब्जियों के उत्पादन पर असर पड़ा है. इन सब्जियों का सरकारी स्तर पर स्टॉक नहीं रखा जाता है. दुकानदारों का कहना है हीट वेव से ताजी सब्जियों पर असर पड़ा है और इनकी कीमत बढ़ गई है.