`हम पहले मोबाइल आयात करते थे और आज...`, PM मोदी ने गिनाईं बदलते भारत की खूबियां
PM Narendra Modi at Kautilya Economic Conclave: कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था उच्च विकास को बनाए रखने के लिए परिवर्तनकारी बदलाव के दौर से गुजर रही है.
Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीसरे कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि ये क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. पीएम मोदी ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत में तेजी से हो रहे आर्थिक बदलाव को लेकर भी टिप्पणी की.
कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था उच्च विकास को बनाए रखने के लिए परिवर्तनकारी बदलाव के दौर से गुजर रही है. यह कॉन्क्लेव का आयोजन ऐसे समय में किया जा रहा है जब दुनिया के दो बड़े क्षेत्रों में युद्ध की स्थिति बनी हुई है. ये क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था, खासकर ऊर्जा सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत को एक आकर्षक स्थल बताते हुए शुक्रवार को कहा कि देश उच्च आर्थिक वृद्धि का अपना सफर जारी रखने के लिए व्यापक स्तर पर बदलावों से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद करने के लिए संरचनात्मक सुधारों को जारी रखने को प्रतिबद्ध है.
आज दुनिया भारत पर कर रहा भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज एक वैश्विक आपात स्थिति के बीच हम यहां 'भारतीय युग' के बारे में चर्चा कर रहे हैं. यह दर्शाता है कि दुनिया भारत पर किस तरह भरोसा करती है. भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है."
उन्होंने कहा कि वित्त-प्रौद्योगिकी अपनाने की दर के मामले में भारत शीर्ष राष्ट्र के रूप में खड़ा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों का सबसे बड़ा विनिर्माता है और इस समय मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता भी है.
140 करोड़ भारतीय हमारी ताकत
प्रधानमंत्री मोदी ने 'सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन' को अपनी सरकार का मार्गदर्शक मंत्र बताते हुए कहा, "जब लोगों के जीवन में बदलाव आता है, तो वे अपने देश में विश्वास करना शुरू कर देते हैं. फिर वही उनके जनादेश के माध्यम से परिलक्षित होता है. 140 करोड़ भारतीयों का विश्वास हमारी ताकत है. हम भारत की बेहतरी के लिए और अधिक संरचनात्मक सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."