PPF Interest Rate: PPF को लेकर हो जाएं अलर्ट, ब्याज दर पर लोगों को मिल सकता है नया अपडेट
PPF Scheme: देश में कई अलग-अलग स्कीम में लोग इंवेस्टमेंट करते हैं, इन्हीं स्कीम में पीपीएफ भी शामिल है. पीपीएफ स्कीम में लोगों को ब्याज हासिल होता है. हालांकि काफी वक्त से इसकी ब्याज दर में इजाफा नहीं हुआ है. ऐसे में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार पीपीएफ में ब्याज दर में इजाफा होगा या नहीं? आइए जानते हैं...
PPF Investment: देश में कई लोग पीपीएफ स्कीम में निवेश करते हैं. वित्त मंत्रालय के जरिए पीपीएफ जैसी छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों की तिमाही समीक्षा इस महीने होने वाली है. भले ही पीपीएफ खाताधारक ब्याज दर में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन अप्रैल 2020 से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. चालू माह के अंत तक स्मॉल सेविंग योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा फिर से होनी है, ऐसे में पीपीएफ और अन्य स्मॉल सेविंग खाताधारक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं. हालांकि, मौजूदा आर्थिक माहौल में ब्याज दरों में इजाफा होने की उम्मीद कम दिखाई देती है.
पीपीएफ स्कीम
पीपीएफ, एससीएसएस और एनएससी जैसे छोटे बचत कार्यक्रमों के लिए वर्तमान आर्थिक माहौल और इस तथ्य को देखते हुए कि ब्याज दर चक्र अभी तक चरम पर नहीं है, यथास्थिति बनाए रखने की संभावना है. भले ही वृद्धि की हमेशा संभावना हो, वर्तमान स्थिति विशेष रूप से आर्थिक स्थिरता की आवश्यकता के कारण यह संभावना नहीं लगती है कि इस समय ब्याज दरों में वृद्धि की जाएगी. यह मानना उचित है कि राजकोषीय जिम्मेदारी और आर्थिक सुधार का समर्थन करने के लिए दरें समान रहेंगी.
ब्याज दर
पीपीएफ के टैक्स बेनेफिट्स इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक योजना बनाते हैं. यह अनुमान लगाया गया है कि 7.1% ब्याज पर भी पीपीएफ से प्रभावी टैक्स के बाद रिटर्न हाई टैक्स ब्रैकेट में करदाताओं के लिए 10.32% बैठता है. यह भी एक कारण है कि सरकार ने पीपीएफ ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा है, जबकि पिछली दो तिमाहियों में कई अन्य छोटी बचत योजनाओं की दरें बढ़ी हैं.
छोटी बचत योजनाएं
पीपीएफ और एससीएसएस और एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं के बीच अंतर यह है कि पीपीएफ से होने वाली आय बाकी की तुलना में टैक्स फ्री है. इसका मतलब यह है कि भले ही पीपीएफ अन्य योजनाओं की तुलना में कम रिटर्न देता है, फिर भी निकासी पर आपकी टैक्स के बाद इनकम अधिक हो सकती है. अब तक, छोटी बचत योजनाओं को सरकार से अधिक समर्थन मिला है क्योंकि वे आम तौर पर उन लोगों की सहायता करते हैं जो दूसरों के लिए बचत कर रहे हैं. जैसा- सुकन्या समृद्धि योजना.
पीपीएफ दर क्यों नहीं बदल सकती?
विशेषज्ञों का मानना है कि पीपीएफ की ब्याज दर कुछ और वक्त के लिए स्थिर रह सकती है. इसके लिए वित्तीय बाजारों की स्थिति, सरकार की बजटीय नीतियां और अर्थव्यवस्था की सामान्य स्थिति शामिल है. इससे ब्याज की दरों पर काफी असर पड़ सकता है.