नई दिल्‍ली : रेल बजट 2018 से पहले भारतीय रेल ने अपने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. भारतीय रेलवे ने अपने कर्मचारियों को गैर राजपत्रित कर्मचारियों को गैर कामकाजी विदेश दौरे पर भेजा है. खास बात यह है कि इंडियन रेलवे का यह दौरा वरिष्ठ अधिकारियों के लिए नहीं बल्कि गैंगमैन, ट्रैकमैन तथा अन्य गैर राजपत्रित कर्मचारियों के लिए है.


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यह पहली बार है जब राष्ट्रीय परिवहन की ओर से ऐसा दौरा आयोजित किया गया. दक्षिण मध्य रेलवे के 100 गैर राजपत्रित कर्मचारी 28 जनवरी को छह दिन के दौरे पर सिंगापुर और मलेशिया रवाना हुए. एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई.


वक्तव्य में दक्षिण मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एम. उमाशंकर कुमार ने बताया कि दौरे का 25 फीसदी खर्च कर्मचारियों ने वहन किया, जबकि 75 फीसदी खर्च कर्मचारी लाभ कोष से अदा किया गया. उन्होंने कहा, '100 कर्मचारियों का समूह जिसमें समूह सी और समूह डी श्रेणी के कर्मचारी हैं, इनमें उन कर्मचारियों को प्राथमिकता दी गई जो निचली श्रेणी से हैं अथवा सेवानिवृत्त होने वाले हैं'.


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इस दौरे में कर्मचारियों को यूनिवर्सल स्टूडियो, सिंगापुर में सेंटोसा और नाइट सफारी, कुआलालंपुर सिटी टूर तथा अन्य पर्यटन स्थलों पर जाने का मौका मिलेगा.


दरअसल, गैंगमैन, ट्रैकमैन भारतीय रेल के रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं, जोकि सेना के जवानों की तरह ही काम करते हैं. भीषण ठंड हो या गर्मी, यहां तक कि ख़राब मौसम में भी ये ट्रैकमैन रेलवे ट्रैक पर अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं, ताकि लोग भारतीय रेलों में सुरक्षित सफर कर सकें. ट्रैकमैन ट्रैकों की देखभाल, उनका निरीक्षण और मरम्मत करते हैं.


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