Indian Railways: जब रेल मंत्री ने बंद की थी यह प्रथा, फैसला सुन चौंक गए थे रेल मंत्रालय के अधिकारी
IRCTC: सेल्यूट प्रथा को बंद करने का एक मकसद ये भी है कि GM और रेलवे के अधिकारी अपने आप को खास न समझें. आजादी के अमृत वर्ष में इस प्रथा को बंद किया जा रहा है.
Indian Railways Latest News: अश्विनी वैष्णव ने जब से रेल मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी संभाली है, तब से उन्होंने यात्रियों की सुविधाओं को लेकर तमाम तरह के बदलाव किये हैं. यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखकर उनके ही कार्यकाल में सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को शुरू किया गया. आज वंदे भारत ट्रेन से देश के कई राज्य जुड़ चुके हैं. आने वाले समय में इसका लगातार विस्तार किया जा रहा है. पिछले दिनों रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सालों से चली आ रही सामंती प्रथा को खत्म कर दिया था.
जवान का काम केवल सैल्यूट देना
रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने कई चौंकाने वाले फैसले किये, उनसे से एक यह भी रहा. इस फैसले के आने से पहले तक रेल मंत्रालय में और देशभर के रेलवे GM ऑफिस में एक आरपीएफ जवान की तैनाती रहती थी. इस जवान का काम केवल सैल्यूट देना था. यह परंपरा रेलवे में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी. इसे सामंती परंपरा मानते हुए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बंद करने का आदेश दिया था.
क्यों बंद की गई यह प्रथा?
सैल्यूट प्रथा को बंद करने का मकसद यह था कि GM और रेलवे के अधिकारी अपने आप को खास न समझें. रेल मंत्री ने इस प्रथा को आजादी के अमृत वर्ष में बंद किया था. इस प्रथा को बंद करने के साथ ही अधिकारियों को यह मैसेज दिया गया कि मंत्रालय या रेलवे दफ्तर में सभी काम करने के लिए आते है. यहां कोई खास नहीं है, सब जनता की सेवा करते हैं.
दरअसल, इस सामंती प्रथा को रेलवे के आला अधिकारी अपने रुतबे से जोड़ते थे. रेल मंत्रालय में रेल मंत्री और बोर्ड मेंबर मे लिए अलग गेट है. इस गेट पर ही आरपीएफ का सैल्यूट देने वाला जवान विशेष वर्दी में तैनात रहता था. यह व्यवस्था रेलवे के सभी जोनल ऑफिस में होती थी. लेकिन रेल मंत्री ने इसे पिछले दिनों तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया.