Tatkal railway ticket: भारत की जीवन रेखा कही जाने वाली भारतीय रेलवे ने 2018-19 से 2022-23 के दौरान फ्लेक्सी किराया, तत्काल और प्रीमियम तत्काल से बंपर कमाई की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद को बताया कि इस अवधि दौरान रेलवे को हुई आमदनी यात्री सेवाओं से अर्जित उसके कुल राजस्व का लगभग पांच प्रतिशत है. 


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माकपा के सांसद जॉन ब्रिटास के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा है कि यात्रियों ‌द्वारा टिकट रद्द किए जाने के बाद काटी गई राशि का ब्योरा अलग से नहीं रखा जाता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वेटिंग लिस्ट वाले टिकट के मामले में यथा लागू लिपिकीय प्रभार को छोड़कर पूरी राशि वापस की जाती है. 


जॉन ब्रिटास ने पिछले पांच वित्त वर्ष और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान फ्लेक्सी किराया, तत्काल, प्रीमियम तत्काल और टिकटों को र‌द्द किए जाने से रेलवे को हुई आमदनी का ब्योरा मांगा था.  


संसद में ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’ पेश


रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को लोकसभा में ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’ पेश किया. विधेयक पेश करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से रेलवे बोर्ड को पूर्ण अधिकार मिलेंगे. वैष्णव ने कहा कि भारत में जब रेलवे की शुरुआत हुई तो यह लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की एक शाखा के रूप में काम करती थी और रेलवे के विस्तार के साथ जब एक अलग व्यवस्था की जरूरत महसूस हुई तो 1905 में रेलवे बोर्ड बनाया गया.


उन्होंने कहा कि 1989 में भारतीय रेलवे से संबंधित नया कानून आया, लेकिन एक कमी रह गई थी और रेलवे बोर्ड को वैधानिक अधिकार नहीं मिल पाए थे. रेल मंत्री ने कहा कि इस कमी को इस विधेयक के माध्यम से पूरा किया जा रहा है. इससे रेलवे बोर्ड को पूर्ण अधिकार मिलेंगे और उसकी क्षमता बढ़ेगी.