RBI ने मॉनिटरी पॉलिसी का किया ऐलान, गवर्नर ने FY23 में GDP ग्रोथ 7.8% रहने की जताई उम्मीद
RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने गुरुवार को मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया. रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. इसके साथ ही गवर्नर ने वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है.
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने गुरुवार को मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया. MPC ने पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 4 फीसदी (Repo Rate) पर बरकरार है. इसका मतलब है कि कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा.
रेपो रेट 3.35 फीसदी पर स्थिर
इसके अलावा RBI ने रेपो रेट 3.35 फीसदी (Reverse repo rate) पर बरकरार रखा है. पॉलिसी का रुख 'अकोमोडेटिव' रखा गया है. केंद्रीय बैंक (Central Bank) ने लगातार 10वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इससे पहले, रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को ब्याज दरों में बदलाव किया था.
ये भी पढ़ें: जनधन अकाउंट वालों को मिलेगी 3000 रुपये महीने पेंशन, बस करना होगा ये काम
GDP ग्रोथ 7.8% रहने का अनुमान
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में रीयल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.8 फीसदी पर रखा है. FY23 की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ अनुमान 7.8 फीसदी से घटकर 7 फीसदी कर दिया है. वहीं, वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 4.3 फीसदी और FY23 की चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ 4.5 फीसदी रह सकती है.
10वां मौका है जब रेपो दर में नहीं हुआ बदलाव
इसके साथ ही आरबीआई ने मुद्रास्फीति की ऊंची दर के बीच उदार रुख को बरकरार रखा. यानी हाल-फिलहाल नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना नहीं है. ये लगातार 10वां मौका है जब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है. इससे पहले 22 मई, 2020 को मांग को गति देने के इरादे से रेपो दर में कमी कर इसे रिकार्ड निचले स्तर पर लाया गया था.
ये भी पढ़ें: पहली बार लेने जा रहे हैं टर्म लाइफ इंश्योरेंस, तो इन 5 जरूरी बातों का रखें खास ख्याल
इकोनॉमी में सुधार की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है'
गवर्नर शक्तिकांत दास ने पॉलिसी का ऐलान करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है और देश मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना हुआ है. उन्होंने ये भी कहा कि इकोनॉमी में सुधार की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है. वहीं, निजी निवेश की रफ्तार अभी भी धीमी है. उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर कोविड वैक्सीनेशन, मॉनिटरी सपोर्ट और फिस्कल कंसॉलिडेशन से इकोनॉमी में रिकवरी आ रही है.