Reserve Bank of India: लगातार बढ़ती महंगाई दर को काबू में करने के ल‍िए रिजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) मई से अब तक चार बार रेपो रेट (Repo Rate) में इजाफा कर चुका है. इस दौरान आरबीआई (RBI) की तरफ से रेपो रेट में 1.90 प्रत‍िशत का इजाफा क‍िया गया है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मीट‍िंग सोमवार से शुरू होगी. मौद्रिक नीति की घोषणा 7 दिसंबर (बुधवार) को की जाएगी.


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5 दिसंबर से शुरू होगी एमपीसी की बैठक
MPC की बैठक से पहले उद्योग मंडल एसोचैम ने आरबीआई (RBI) से प्रमुख नीतिगत दर रेपो में बढ़ोतरी को कम रखने की बात कही है. उद्योग मंडल का कहना है कि ब्याज दरों में अधिक वृद्धि होने पर इसका इकोनॉमि‍क र‍िवाइवल (Economic Revival) पर असर पड़ सकता है. आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एमपीसी (MPC) की बैठक सोमवार से शुरू होगी और मौद्रिक नीति की घोषणा 7 दिसंबर (बुधवार) को की जाएगी. एसोचैम ने आरबीआई (RBI) को लिखे पत्र में कहा है, 'रेपो रेट में 0.25 से 0.35 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि नहीं होनी चाहिए.'


उद्योग मंडल ने आरबीआई को कई सुझाव भी दिये
एसोचैम की तरफ से ल‍िखे गए पत्र में उद्योग के समक्ष अन्य मुद्दों का भी जिक्र किया गया है. उद्योग मंडल ने पत्र में अन्य सुझाव भी दिये हैं. इसमें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिये खुदरा कर्ज को रियायती ब्याज दर के साथ प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत लाने का सुझाव शामिल है. गौरतलब है क‍ि आरबीआई ने 30 सितंबर को मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी.


तीसरी बार रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत का इजाफा
मुद्रास्फीति इस साल जनवरी से ही छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. यह केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊंचा है. यह लगातार तीसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की. सितंबर से पहले जून और अगस्त में भी रेपो दर में 0.50 प्रतिशत तथा मई में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी. (इनपुट PTI से भी)


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