नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए अहम कदम उठाया है.  दरअसल, नए सेक्टर्स को मौका देने के लिए बैंकिंग नियामक ने प्रियॉरिटी सेक्टर लेंडिंग यानी प्राथमिक क्षेत्रों को दिए जाने वाले कर्ज से जुड़ी संशोधित गाइडलाइंस जारी की हैं.  इन गाइडलाइंस में नए सेक्टर्स और किसानों को आसान कर्ज देने पर जोर दिया गया है.  ऐसे सेक्टर्स पर खास जोर दिया गया है जो आर्थिक माहौल सुधारने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नई गाइडलाइंस के मुताबिक स्टार्ट्अप्स को बैंक से मिलने वाला 50 करोड़ रुपए तक का कर्ज प्रियॉरिटी सेक्टर को दिए जाने वाले कर्ज के दायरे में आएगा.  किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए दिया कर्ज भी इसी श्रेणी में आएगा.  


किसान कंप्रेस्ड बायोगैस का प्लांट लगाने के लिए लोन लेंगे तो ये भी बैंकों के लिए प्राथमिकता की श्रेणी वाले कर्ज़ों में आएगा. फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन और फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों को 5 करोड़ रुपए तक दिया गया लोन भी प्रियॉरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत होगा.  क्रॉप लोन, मशीनरी के लिए लोन, स्प्रेयिंग, हार्वेस्टिंग और ग्रेडिंग जैसी गतिविधियों के लिए भी प्रति प्रति संस्था 2 करोड़ रुपए तक का कर्ज़ इस श्रेणी में माना जाएगा.  


रिन्युएबल एनर्जी के लिए भी अभी तक दिए जाने वाले 15 करोड़ रुपए के लोन को बढ़ाकर 30 करोड़ रुपए किया गया है.  अगर कोई स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर तैयार करने के लिए बैंकों से लोन लेता है तो अब 5 करोड़ के बदले 10 करोड़ रुपए तक का लोन प्राथमिकता वाले कर्ज की श्रेणी में आएगा.  


अब तक जिन जिलों में बैंक प्राथमिकता श्रेणी के कर्ज कम बांट रहे थे, उन जिलों में अब बैंकों को ज्यादा तरजीह देनी होगी.


RBI ने शुक्रवार को कहा कि, प्रियॉरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) गाइडलाइंस को व्यापक रूप से रिव्यू करने के बाद इसे रिवाइज किया गया है.


RBI के मुताबिक, रिवाइजल्ड PSL गाइडलाइंस के जरिए उन जगहों पर क्रेडिट सुविधा मुहैया कराने में आसानी होगी, जहां क्रेडिट की कमी है.  नई गाइडलाइंस के तहत ना सिर्फ छोटे, सीमांत किसानों और कमजोर वर्ग को आसान कर्ज मिल सकेगा बल्कि रिन्यूएबल एनर्जी और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जा सकेगा.