Air Fare: एविएशन सेक्टर में आया भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले गो फर्स्ट एयरलाइन दिवालिया हो गई. उसके बाद स्पाइसजेट को झटके लगे, अब विलय से पहले विस्तारा एयरलाइन की मुश्किल बढ़ रही है. विस्तारा एयरलाइन की फ्लाइट्स कैंसिल होने के बाद से एयर फेयर में बड़ा इजाफा हुआ है. फ्लाइट टिकटों के रेट्स 20 से 25 फीसदी तक बढ़ गए हैं. 


महंगा हुई हवाई सफर 


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उड़ानें रद्द होने, यात्रा के लिए मांग बढ़ने से हवाई किराये में 20 से 25 प्रतिशत का उछाल आया है, यात्रियों को इन गर्मियों में घरेलू उड़ानों के लिए अधिक भुगतान करना होगा. विस्तारा एयरलाइन की उड़ानें रद्द होने और यात्री मांग में मजबूती बने रहने से हवाई किराये में 20-25 प्रतिशत की बढ़ोतरी पहले ही हो चुकी है. जानकारों के मुताबिक, गर्मी के मौसम में हर साल हवाई यात्रा की मांग अधिक रहती है, लेकिन इस साल विमानन उद्योग मांग के अनुरूप क्षमता बढ़ाने में कई चुनौतियों से जूझ रहा है.  यहां तक कि घरेलू मार्गों पर बड़े विमानों का उपयोग भी कर रहा है. इस दौरान टाटा समूह की विस्तारा एयरलाइन की सौ से अधिक उड़ानें रद्द होने से हवाई किराया पहले ही बढ़ चुका है.


पायलटों की नाराजगी का सामना कर रही एयरलाइन ने प्रतिदिन 25-30 उड़ानों यानी अपनी कुल क्षमता में 10 प्रतिशत की कटौती कर दी है. यात्रा वेबसाइट इक्सिगो के एक विश्लेषण से पता चला है कि एक से सात मार्च की अवधि की तुलना में एक से सात अप्रैल की अवधि में कुछ हवाई मार्गों पर किराया 39 प्रतिशत तक चढ़ गया. इस अवधि में दिल्ली-बेंगलुरु उड़ानों के लिए एकतरफ का किराया 39 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि दिल्ली-श्रीनगर उड़ानों के लिए इसमें 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई. विश्लेषण के मुताबिक, दिल्ली-मुंबई उड़ान सेवाओं के मामले में किराया वृद्धि 12 प्रतिशत और मुंबई-दिल्ली सेवाओं के मामले में आठ प्रतिशत थी.


ट्रैवल पोर्टल यात्रा ऑनलाइन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (विमान एवं होटल कारोबार) भरत मलिक ने कहा कि मौजूदा ग्रीष्मकालीन उड़ान कार्यक्रम में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मार्गों को शामिल करते हुए अनुमानित औसत हवाई किराया 20-25 प्रतिशत के बीच बढ़ने का अनुमान है. मलिक ने कहा, कि विस्तारा की उड़ानों में 10 प्रतिशत कटौती के फैसले ने प्रमुख घरेलू मार्गों पर टिकट की कीमतों को प्रभावित किया है. हमने किराये में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है.  दिल्ली-गोवा, दिल्ली-कोच्चि, दिल्ली-जम्मू और दिल्ली-श्रीनगर जैसे प्रमुख मार्गों पर कीमतें लगभग 20-25 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि ऊंचे हवाई किराये का एक प्रमुख कारण विस्तारा द्वारा उड़ान संचालन में कटौती है. इसके अलावा ईंधन की बढ़ती लागत के साथ ग्रीष्मकालीन यात्रा की बढ़ती मांग ने भी किराया बढ़ाने में भूमिका निभाई है. क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स में वरिष्ठ निदेशक और वैश्विक प्रमुख (परिवहन एवं लॉजिस्टिक) जगन नारायण पद्मनाभन ने कहा, कि व्यस्त मौसम आते ही किराया पांच-सात प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. अधिकांश यात्राएं निजी कारणों से और परिवार के साथ होंगी, लिहाजा इसका पर्याप्त प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. ऐसे में लोग छोटी दूरी के लिए रेल यात्रा का विकल्प चुन सकते हैं.