मुंबई : मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को बीती तिमाही में जबर्दस्‍त मुनाफा हुआ है. कंपनी का प्रॉफिट जून में खत्‍म तिमाही में 4.47 फीसदी बढ़कर 9,459 करोड़ रुपये रहा. इसमें कंपनी के पेट्रोकेमिकल कारोबार की मजबूती का प्रमुख योगदान रहा, जिससे आय लगभग दोगुनी हो गई है. कंपनी के बयान के मुताबिक ऊर्जा क्षेत्र के औद्योगिक समूह ने कहा कि एक साल पहले की समान तिमाही में उसने 9,108 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था. 


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पेट्रोरसायन कारोबार में 49 फीसदी बढ़ोतरी
आरआईएल
ने कहा कि तिमाही में उसका परिचालन राजस्व 56.5 फीसदी बढ़कर 1,41,699 करोड़ रुपये रहा, जोकि वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में 90,537 करोड़ रुपये थी. राजस्व में वृद्धि का प्रमुख कारण कंपनी के पेट्रोरसायन कारोबार में साल-दर-साल आधार पर 49 फीसदी की बढ़ोतरी है. इसमें कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रमुख योगदान है.


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रिफाइनिंग कारोबार में 43 फीसदी की तेजी
कंपनी का परिचालन मुनाफा समीक्षाधीन अवधि में 64.6 फीसदी बढ़कर 20,661 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 12,554 करोड़ रुपये थी. कंपनी के रिफाइनिंग और मार्केटिंग कारोबार में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 42.9 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है, जोकि 95,646 करोड़ रुपये रही.


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मार्जिन में बढ़ोतरी उत्‍साहवर्धक : मुकेश
आरआईएल के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा, 'वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही के नतीजे पेट्रोरसायन कारोबार में किए गए हमारे निवेश को बल प्रदान करते हैं. हमारे पेट्रोरसायन कारोबार ने रिकार्ड एबिट्डा (कर, वेतन कटौती से पहली का मुनाफा) उत्पन्न किया है. वहीं, पोलेस्टर चेन मार्जिन की बिक्री के साथ ही मार्जिन में भी बढ़ोतरी हुई है.'


रिलायंस ने जनवरी में शुरू की थी आरओजीसी
कंपनी ने जनवरी 2018 में जामनगर परिसर में दुनिया का सबसे बड़ा ‘रिफाइनरी आफ-गैस क्रैकर’ (आरओजीसी) परिसर चालू किया था. इसमें पेट्रोरसायन बनाने के लिए ईंधन उत्पादन को लेकर रिफाइनरी प्रक्रिया से प्राप्त अवशेष का उपयोग किया जा रहा है. आरओजीसी 11 अरब डालर के पूंजी व्यय का हिस्सा है. कंपनी ने वैश्विक स्तर पर ऊर्जा और पेट्रोरसायन परियोजनाओं के विस्तार के तहत इस पूंजी व्यय की घोषणा की थी. इसके साथ कंपनी ने अरबों डालर की विस्तार योजना लगभग पूरी की. इससे कंपनी की एथेलीन क्षमता दोगुनी हो जाएगी. इसके साथ कंपनी दुनिया के शीर्ष 5 पेट्रोरसायन उत्पादकों में शामिल हो गई है. (इनपुट एजेंसी से)