मुंबईः बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स (Sensex) बुधवार को 600 अंक लुढ़ककर 40,000 के नीचे बंद हुआ और निफ्टी (Nifty) भी 160 अंक टूटकर 11,730 पर ठहरा. कोरोना (Coronavirus) के गहराते कहर और बिहार चुनाव (Bihar Elections) के पहले चरण के बीच विदेशी बाजारों से मिले कमजोर संकेतों से घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली का भारी दबाव रहा. सेंसेक्स पिछले सत्र के मुकाबले 599.64 अंकों यानी 1.48 फीसदी की गिरावट के साथ 39,922.46 पर बंद हुआ और निफ्टी बीते सत्र से 159.80 अंकों यानी 1.34 फीसदी टूटकर 11,729.60 पर बंद हुआ.


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तेजी पर खुला था बाजार
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र के मुकाबले 142.25 अंकों की तेजी के साथ 40,664.35 पर खुला, लेकिन चौतरफा बिकवाली के दबाव में दिनभर के कारोबार के दौरान 39,774.60 तक लुढ़का. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी बीते सत्र के मुकाबले 33.20 अंकों की बढ़त के साथ 11,922.60 पर खुला. दिनभर के कारोबार के दौरान निफ्टी का ऊपरी स्तर 11,929.40 जबकि निचला स्तर 11,684.85 रहा.


मिडकैप में 139 अंकों की गिरावट
बीएसई मिडकैप सूचकांक पिछले सत्र से 139.69 अंकों यानी 0.93 फीसदी की गिरावट के साथ 14,814.03 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक बीते सत्र से 114.67 अंक यानी 0.76 फीसदी टूटकर 14,975.76 पर ठहरा.


30 में से 26 शेयर लुढ़के
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से महज चार शेयर बढ़त के साथ बंद हुए जबकि 26 शेयरों में गिरावट रही. बढ़त वाले शेयरों में भारती एयरटेल (4.26 फीसदी), एमएंडएम (1.17 फीसदी), मारुति (0.33 फीसदी) और एलएंडटी (0.12 फीसदी) शामिल रहे. वहीं, सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच शेयरों में इंड्सइंड बैंक (3.45 फीसदी), एचडीएफसी (3.44 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.34 फीसदी), टेक मिंहंद्रा (3.00 फीसदी) और बजाज फाइनेंस (2.41 फीसदी) शामिल रहे.


19 में से 17 सेक्टरों में कमजोरी
बीएसई के 19 सेक्टरों में से 17 सेक्टरों में गिरावट रही, जबकि दो सेक्टरों के सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए. सिर्फ टेलीकॉम (2.90 फीसदी) और पूंजीगत वस्तुएं (0.33 फीसदी) के सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए. बीएसई के सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच सेक्टरों के सूचकांकों में बैंक इंडेक्स (2.28 फीसदी), वित्त (2.25 फीसदी), धातु (2.15 फीसदी), रियल्टी (1.98 फीसदी) और हेल्थकेयर (1.33 फीसदी) शामिल रहे.


(इनपुट-आईएएनएस)


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