Stock Market Prediction: चुनावी नतीजों के बाद कैसा रहेगा बाजार का हाल, कहां रखें नजर, क्या कहते हैं एक्सपर्ट
लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है, चुनावी नतीजें भी सामने आ चुके हैं. नतीजे चौंकाने वाले है. बीजेपी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सका है. हालांकि एनडीए ने बहुमत का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है. चुनावी रुझान और नतीजों के चलते आज शेयर बाजार में कोहराम मचा.
Share Market: लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है, चुनावी नतीजें भी सामने आ चुके हैं. नतीजे चौंकाने वाले है. बीजेपी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सका है. हालांकि एनडीए ने बहुमत का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है. चुनावी रुझान और नतीजों के चलते आज शेयर बाजार में कोहराम मचा. सेंसेक्स में चार साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये खाक हो गए. सेंसेक्स 4,389.73 अंक का गोता लगातार 72,079.05 अंक पर बंद हुआ तो वहीं निफ्टी 1,379.40 अंक टूटकर 21,884.50 अंक पर बंद हुआ. ऐसे में अब सबकी नजर इस बात पर है आने वाले दिनों में शेयर बाजार की चाल कैसी होगी ?
बाजार का हाल
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने घरेलू शेयर बाजारों ने जबरदस्त गिरावट ला दी. बाजार में चौतरफा गिरावट देखने को मिली. आगे बाजार का हाल कैसा रहेगा इसे लेकर MOFSL के चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल और Abakkus Asset Manager सुनील सिंघानिया ने अपनी बात रखी. सुनील सिंघानिया ने कहा कि बाजार ने एग्जिट पोल से ज्यादा उम्मीद लगा रखी थी,लेकिन नतीजों में बीजेपी को उम्मीद के मुताबिक सीट नहीं मिलने से बाजार का सेंटीमेंट बिगड़ गया. विदेशी निनेशकों की बिकवाली का भी असर रहा. उन्होंने कहा कि जो स्टॉक गिरे हैं, वो ओवर वैल्यूएशन पर चल रहे थे.
आगे कैसी रहेगी बाजार की चाल
सुनील सिंघानिया ने कहा कि नई सरकार का फोकस सिर्फ और सिर्फ ग्रोथ पर रहना जरूरी है. NDA सरकार की सरकार बनी तो उसका फोकस रिफॉर्म और ग्रोथ पर ही रहेगा. उन्होंने कहा कि लॉग टर्म के निवेशकों के लिए आज की गिरावट बड़ा मौका है. उन्होंने कहा कि बाजार में और गिरावट आने पर विदेशी निवेशक निवेश करना शुरू कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि शेयर बाजार की इकोनॉमी का ट्रेंड बदला नहीं है. आगे ग्रोथ जारी रहेगी.
वहीं MOFSL के रामदेव अग्रवाल ने कहा कि BJP को पूर्ण बहुमत नही मिलने से बाजार में थोड़ी निराशा है. उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार चलाना आसान नहीं होगा. साझा सरकार में पॉलिसी बनाते वक्त सबका ख्याल रखना पड़ता है. गठबंधन की सरकार में निर्दलीय, छोटे दलों की मनमानी बढ़ती जाती है. ऐसे में एनडीए की सरकार के लिए चुनौतियां बढ़ जाएगी. इसका असर बाजार पर दिखेगा.