Indian Railway: दिल्ली से लखनऊ जा रही शताब्दी एक्सप्रेस से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे अफसर भी हैरान हैं. दिल्ली से लखनऊ जा रही ट्रेन जब इटावा स्टेशन पर रुकी तो कई यात्री कोच से उतरकर भाग गए. 


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दरअसल, एक गोपनीय सूचना के आधार पर रेलवे अधिकारियों ने 29 अक्टूबर को नई दिल्ली-लखनऊ स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस में निरीक्षण किया गया था. इस औचक निरीक्षण के दौरान यह पता चला कि TTE ने बिना टिकट सफर कर रहे यात्रियों को पैसा लेकर शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा करने की अनुमति दी थी.


जांच के दौरान अफरा-तफरी


प्रयागराज रेल मंडल के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रैफिक मैनेजर दिनेश कपिल को सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली-लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस में कई यात्री बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं. जिसके बाद एक टीम सी-11 से सी-13 तक के तीन कोचों की जांच की. इस दौरान 21 लोग बिना टिकट यात्रा करते हुए मिले. यह देखकर टीम हैरान रह गई.


इटावा स्टेशन पर उतरकर भागने लगे लोग


जब अधिकारियों ने बिना टिकट यात्रियों को चालान जारी करना शुरू किया तो उन्होंने आरोप लगाया कि वो लोग पहले ही TTE को 2000 से 3000 प्रति व्यक्ति रिश्वत दी है. जिसके बाद TTE ने उन्हें यात्रा की अनुमति दी थी. हालांकि, निरीक्षण के समय TTE कोच में मौजूद नहीं था और मोबाइल फोन पर बुलाने के बाद लगभग आधे घंटे में वहां पहुंचा. उसने कोच में उपस्थित न रहने के कई बहाने बनाए.


इस बीच जब ट्रेन इटावा स्टेशन पर रुकी तो कई बेटिकट यात्री कोच से उतरकर भाग गए. पूरे औचक निरीक्षण की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है और कार्रवाई के लिए प्रयागराज के मंडलीय मुख्यालय भेजी गई है.


रेलवे ने दिए जांच के आदेश


उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि कांत त्रिपाठी ने कहा है कि शताब्दी एक्सप्रेस में बिना टिकट यात्रियों को यात्रा करने देने और यात्रियों से अधिक शुल्क वसूलने के आरोपों की शिकायतें मिली हैं. हमने इन मामलों की जांच के आदेश दिए हैं.