Diwali Festival: देश में फेस्टिवल सीजन की शुरुआत हो चुकी है. कुछ ही महीनों में देश में दिवाली का त्योहार भी मनाया जाएगा और दिवाली से पहले लोग धूमधाम से धनतेरस का पर्व भी मनाते हैं. वहीं धनतेरस के मौके पर लोग सोना और चांदी में भी इंवेस्टमेंट करते हैं. इस बार धनतेरस 10 नवंबर 2023 को है. वहीं अभी धनतेरस का पर्व आने में करीब 50 दिन का वक्त बाकी है. ऐसे में धनतेरस से पहले गोल्ड में इंवेस्ट करना ज्यादा बेहतर रहेगा या फिर चांदी में इंवेस्ट करना? आइए जानते हैं इसके बारे में...


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सोना और चांदी


पारंपरिक निवेश मानदंडों के अनुसार आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताओं के दौरान सोना और चांदी दोनों को सुरक्षित जगह माना जाता है. ऐसे में अगर सुरक्षित इंवेस्टमेंट करना है तो सोना और चांदी दो काफी अहम विकल्प के रूप में सामने आते हैं. हालांकि सोना और चांदी दोनों में से किसमें इंवेस्टमेंट करना चाहिए ये एक बड़ा सवाल लोगों के मन में रहता है. इसके लिए कुछ पहलुओं पर विचार किया जा सकता है.



इनका रखें ध्यान---


1. सबसे पहले देखें कि पिछले एक साल में गोल्ड ने ज्यादा रिटर्न दिया है या फिर चांदी ने. दोनों के प्राइज कंपेरिजन के हिसाब से सोना या चांदी में से एक में इंवेस्टमेंट करने का विकल्प चुना जा सकता है.


2. इसके साथ ही सोना और चांदी की धनतेरस से पहले के तीन महीने की कीमतें देखें. यह कीमतें पिछले पांच सालों के हिसाब से कंपेयर करें. तब थोड़ा और अंदाजा होगा कि धनतेरस के दौरान किस धातु ने ज्यादा रिटर्न दिया है.


3. सोना और चांदी में इंवेस्टमेंट करने से पहले अपना बजट भी देखें. फिलहाल सोने की कीमतें करीब 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम है तो वहीं चांदी की कीमत करीब 75 हजार रुपये प्रति एक किलो है. ऐसे में आपका बजट कितना है इसके हिसाब से भी सोना और चांदी में से किसी को चुना जा सकता है.


4. अमेरिकी डॉलर, रुपये की कीमत, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के जरिए मुद्रास्फीति के लिए उठाए गए कदम आदि भी सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित करते हैं. ऐसे में ध्यान रखें कि इनकी वर्तमान में क्या स्थिति है और आने वाले वक्त में इनमें कोई बदलाव देखा जा सकता है या नहीं. उनका आंकलन करके भी इसमें इंवेस्ट किया जा सकता है.


5. हमेशा लॉन्ग टर्म की सोच के साथ इंवेस्टमेंट करें. ट्रैक रिकॉर्ड देखें कि कौनसी धातु की कीमत धीरे-धीरे बढ़ती है और जल्दी गिरती नहीं है. उस धातु को खरीदने से भी लाभ मिल सकता है.


6. चांदी एक औद्योगिक धातु है और कई हरित प्रौद्योगिकियों का एक अभिन्न अंग है, इसलिए चांदी में निवेश करना एक अच्छी रणनीति हो सकती है. इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों और 5जी बुनियादी ढांचे के विद्युतीकरण के लिए भी चांदी की लोडिंग अधिक है. ये नए और उभरते अनुप्रयोग धातु को संरचनात्मक सहायता प्रदान कर रहे हैं. इस लिहाज से आने वाले वक्त में चांदी की मांग में इजाफा भी हो सकता है, जिससे उसकी कीमतें भी बढ़ सकती है.