Lakshmi Vilas Bank की मुश्किलें होंगी खत्म! मदद के लिए सामने आया यह बैंक
वित्तीय संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) की मुश्किलें अब खत्म हो सकती है. सिंगापुर का DBS अब DBS Bank India और लक्ष्मी विलास बैंक के मर्जर के लिए 2500 करोड़ रुपये डालेगा. इस मर्जर की प्रक्रिया एक महीने का मोराटोरियम (Moratorium) खत्म होने के बाद शुरू होगी.
नई दिल्ली: वित्तीय संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) की मुश्किलें अब खत्म हो सकती है. सिंगापुर का DBS अब DBS Bank India और लक्ष्मी विलास बैंक के मर्जर के लिए 2500 करोड़ रुपये डालेगा. इस मर्जर की प्रक्रिया एक महीने का मोराटोरियम (Moratorium) खत्म होने के बाद शुरू होगी. आपको बता दें कि रिजर्व बैंक (RBI) ने लक्ष्मी विलास बैंक पर मोरेटोरियम लगा दिया है, जो 16 दिसंबर को खत्म होगा. DBS Bank India की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रस्तावित मर्जर लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं, ग्राहकों और कर्मचारियों के हित में होगा. मर्जर के लिए जरूरी रकम DBS के मौजूदा संसाधनों ने जुटाई जाएगी.
16 दिसंबर के बाद मर्जर प्रक्रिया शुरू होगी
DBS में लक्ष्मी विलास को मिलाने की प्रक्रिया 16 दिसंबर के बाद ही शुरू होगी. RBI ने इसके लिए एक प्रस्ताव भी तैयार किया है. प्रस्तावित मर्जर DBIL को अपने ग्राहक और नेटवर्क बढ़ाने में मदद करेगी, खासतौर पर दक्षिण भारत में इसकी पहुंच बढ़ेगी.
DBS का कहना है कि अगर स्कीम को मंजूरी मिल जाती है तो वो 2500 करोड़ रुपये इस मर्जर के लिए डालेगी. ये रकम DBS के मौजूदा संसाधनों से दी जाएगी. फिलहाल मर्जर को लेकर प्रस्तावित मंजूरी के लिए DBS रिजर्व बैंक और भारत सरकार के फैसले का इंतजार करेगी
RBI ने दिया भरोसा, डिपॉजिटर्स का पैसा सुरक्षित
रिजर्व बैंक के लिए गए फैसले से लक्ष्मी विलास बैंक के खाताधारकों के मन में बेचैनी है. लेकिन RBI ने खाताधारकों, डिपॉजिटर्स को भरोसा दिलाया है कि उनका पैसा बैंक में पूरी तरह सुरक्षित है और वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और नही घबराएं. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक की आर्थिक स्थिति काफी समय से खराब है, यह पिछले तीन सालों से लगातार घाटे में चल रहा है. आगे भी घाटे में रहने की ही आशंका है. क्योंकि इस पर NPA का दबाव बढ़ता ही जा रहा है. बैंक निगेटिव नेटवर्थ से उबरने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं जुटा पा रहा है
कई मुश्किलों में फंस गया था बैंक
रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक से जमाकर्ता लगातार पैसे निकाल रहे हैं जिससे बैंक की लिक्विडिटी घट रही है. बैंक में गंभीर गवर्नेंस मुद्दे भी तेजी से बढ़े हैं. बैंक को रिजर्व बैंक ने 2019 सितंबर में Prompt Corrective Action (PCA) में डाल दिया था. बैंक ने सितंबर तिमाही में 397 करोड़ रुपए का नुकसान दिखाया था, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसका नुकसान 357 करोड़ रुपए था. बैंक का ग्रॉस NPA 24.45 परसेंट पर पहुंच गया है.
94 साल से भारत में है
लक्ष्मी विलास बैंक भारत में 94 साल से अपनी सेवाएं दे रहा है. दक्षिण भारत में लक्ष्मी विलास बैंक की अच्छी पकड़ है. देश के 16 राज्यों में इसकी शाखाएं हैं. इसके 32 बी कैटेगरी ब्रांच (B Category Branches) हैं और देशभर में 1047 ATM हैं. बता दें कि मंगलवार को रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक से पैसे निकालने की सीमा तय कर दी है. इसके तहत 16 दिसंबर तक बैंक से ग्राहक केवल 25 हजार रुपए ही निकाल सकेंगे.
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