Sovereign Gold Bonds: भारत में त्योहारी सीजन चल रहा है. ऐसे में त्योहार के मौकों पर लोग कई तरह की खरीदारी भी करते हैं. वहीं त्योहार में लोग ज्यादातर गोल्ड की खरीद करते हैं. इस बीच गोल्ड खरीदने वालों के लिए एक अहम अपडेट सामने आया है और गणेश चतुर्थी से पहले ही लोग इसका फायदा उठा सकते हैं. दरअसल, इस साल 19 सितंबर 2023 को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा. हालांकि इससे पहले ही सरकार ने लोगों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किया है. आइए जानते हैं इसके बारे में...


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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB 2023-24 सीरीज II) की दूसरी किश्त सोमवार (11 सितंबर) को सार्वजनिक सदस्यता के लिए खोली जाएगी. यह गोल्ड बॉन्ड सरकार की ओर से आरबीआई द्वारा जारी किया जाता है और शुक्रवार (15 सितंबर) तक इसके लिए सदस्यता हासिल की जा सकती है. इस बार इन बॉन्ड का निर्गम मूल्य 5,923 रुपये प्रति ग्राम है. हालांकि ऑनलाइन पेमेंट करने पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी.


ऑनलाइन पेमेंट
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने के ग्राम में अंकित सरकारी प्रतिभूतियां हैं. फिजिकल सोना लेने की बजाय इन गोल्ड बॉन्ड को भी इंवेस्टमेंट के तौर पर लिया जा सकता है और ये बॉन्ड सोने की फिजिकल वैल्यू से काफी सस्ते होते हैं. वहीं निवेशक इनकी मैच्योरिटी पर इससे नकद हासिल कर सकते हैं. वहीं वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से उन निवेशकों को निर्गम मूल्य से 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला किया है जो ऑनलाइन आवेदन करते हैं और पेमेंट भी डिजिटल तरीके से ही करते हैं.



सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मुख्य विशेषताएं


- केवल भारत निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान ही सॉवरेन गोल्ड बांड खरीद सकते हैं.
- बॉन्ड को एक ग्राम की मूल इकाई के साथ सोने के ग्राम के गुणकों में मूल्यवर्गित किया जाता है.
- एसजीबी की आठ साल की होल्डिंग अवधि होती है, जिसमें 5वें साल के बाद प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन का विकल्प इस्तेमाल कर सकते हैं. जिसका उपयोग उस तारीख को किया जाता है जिस दिन ब्याज देय होता है.
- एक व्यक्ति एसजीबी में न्यूनतम 1 ग्राम सोना खरीद सकता है, जबकि अधिकतम सीमा व्यक्तियों के लिए 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्तीय वर्ष है. संयुक्त धारक के मामले में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा केवल पहले आवेदक पर लागू होगी.