SBI Share Price: स्‍टेट बैंक ऑफ इंड‍िया (SBI) के शेयर ने गुरुवार के कारोबारी सत्र में नया र‍िकॉर्ड बनाया. इस दौरान पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंक का यह शेयर पहली बार 800 रुपये के पार चला गया. बैंक‍िंग सेक्‍टर के शेयरों में पिछली कुछ त‍िमाही में अच्छी कमाई के बाद तेजी देखी गई. इसका फायदा एसबीआई (SBI) को भी मिला. गुरुवार को देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक के शेयर SBI की कीमत 4.23% बढ़कर 805.95 रुपये पर पहुंच गई. यह अब तक की सबसे ऊंची कीमत है.


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अभी और तेजी आने की संभावना


एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड राजेश पालीवाल का कहना है कि सरकारी बैंकों में एसबीआई (SBI) बेहतर स्थिति में है. उन्‍होंने बताया क‍ि आने वाले 2-3 दिन में एसबीआई का शेयर 820-830 रुपये तक जा सकता है. आप इसे खरीदते समय 750 रुपये को स्टॉप लॉस रख सकते हैं. स्टॉक मार्केट में कैप‍िटलाइजेशन के मामले में एक्‍स‍िस बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक को पीछे छोड़कर चौथा सबसे बड़ा बैंक बन गया है. इस कारण सरकारी बैंकों के शेयरों में तेजी आई है.


क्‍यों आई शेयर में तेजी
दूसरी तरफ रिजर्व बैंक की तरफ से कोटक महिंद्रा बैंक पर ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग के जरिये नए ग्राहक बनाने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगाने के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में गिरावट आई है. एक्सिस सिक्योरिटीज को उम्‍मीद है क‍ि मार्च तिमाही के लिए एसबीआई के लोन में 14% और जमा में 11% की बढ़ोतरी हुई है. वेतन संशोधन के कारण ऑपरेशनल खर्च में थोड़ी बढ़ोतरी होने की संभावना है.


फिच रेटिंग्स ने भी जताया भरोसा
अप्रैल की शुरुआत में फिच रेटिंग्स ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का बिजनेस प्रोफाइल स्कोर भारतीय बैंकों में सबसे ऊंचा है. फिच ने यह भरोसा जताया क‍ि SBI अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर तरीके से र‍िस्‍क मैनेजमेंट में सक्षम है. फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट से यह भी सामने आया क‍ि SBI का बड़ा साइज, मार्केट में हिस्सेदारी उसके मजबूत कारोबार का बड़ा कारण है. बैंकिंग सेक्टर के बीच SBI अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. लेकिन, दूसरे सरकारी बैंकों की तरह सरकार का दखल SBI के पुराने बिजनेस मॉडल (जिसमें 60% कमाई कर्ज देने से आती है) और र‍िस्‍क लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है.


फिच रेटिंग्स का यह भी कहना है क‍ि SBI का बड़ा साइज, ब्रांड लॉयल‍िटी और देशभर में मौजूदगी की वजह से लोन चुनने के मामले में दूसरे बैंकों से फायदे में है. रिपोर्ट में बताया गया कि मार्च 2023 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष (FY23) में सालाना आधार पर कुल लोन वृद्धि 16% थी, जोकि FY24 में घटकर 14.5% हो गई है.