रक्षाबंधन पर सुधा मूर्ति ने ऐसा क्या लिख दिया कि लोग पीछे ही पड़ गए, सफाई पर भी न माने
राज्यसभा सांसद, समाजसेवी, मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक सुधा मूर्ति सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई. सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर सुधा मूर्ति ने ऐसी कहानी सुनाई, जिसके चलते लोगों ने उन्हें ट्रोल कर दिया है.
Sudha Murthy Trolled: राज्यसभा सांसद, समाजसेवी, मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक सुधा मूर्ति सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई. सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर सुधा मूर्ति ने ऐसी कहानी सुनाई, जिसके चलते लोगों ने उन्हें ट्रोल कर दिया है. उन्होंने दूसरा वीडियो शेयर सफाई भी दी, लेकिन फिर भी लोग नहीं माने. सुधा मूर्ति ने रक्षाबंधन पर एक ऐसी कहानी सुनाई, जिसके बाद वो सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगी.
रक्षाबंधन पर सुधा मूर्ति ने सुनाई कहानी
सुधा मूर्ति ने रक्षाबंधन पर एक वीडियो पोस्ट की. जिसमें में उन्होंने रक्षाबंधन को मुगल बादशाह हुमायूं और चित्तौड़ की रानी कर्णावती से जोड़कर बताया. जिसके बाद से वो पोस्ट को लेकर ट्रोल होने लगी हैं. दरअसल उन्होंने एक्स पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने बताया कि जब रानी कर्णावती खतरे में थीं, तो उन्होंने मुगल बादशाह हुमायूं को एक धागा भेजकर उनसे मदद मांगी. उन्होंने मदद के लिए भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के तौर पर एक धागा भेजा. हुमायूं तो धागे के बारे में कुछ नहीं पता था, इसलिए उन्होंने लोगों से इसके बारे में पूछा. लोगों ने बताया कि यह धागा यह एक बहन की अपने भाई को पुकार है. इस देश का रिवाज है, जब भी बहन को मदद की जरूरत होती है वो भाई के पास धागा भेजती है.
लोगों की बात सुनकर हुंमायू ने रानी कर्णावती की मदद करने की ठान ली और उनकी मदद के लिए निकल पड़ा, लेकिन उनके आने में देर हो गई. सुधा मूर्ति ने इस कहानी को रक्षाबंधन के साथ जोड़ते हुए कहा कि उत्तर भारत में आज भी यह रिवाज है कि एक बहन अपने भाई को राखी बांधने के लिए किसी भी दूरी की यात्रा कर लेती है.
भड़क गए सोशल मीडिया यूजर्स
सुधा मूर्ति के इस पोस्ट पर लोग भड़क गए. लोगों ने उनकी कहानी के गलत, फर्जी, फेक तक बता दिया. किसी ने लिखा कि आपको दिन में 20 घंटे इतिहास पढ़ना चाहिए. किसी ने उनकी कहानी को बकवास बताकर खारिज कर दिया. एक यूजर्स ने तो उनकी कहानी पर कमेंट कर लिखा कि झूठ फैलाना बंद करें. वहीं कई यूजर्स से रक्षाबंधन से जुड़ी कहानियां शेयर की, बताया कि इसका संबंध महाभारत काल से है. सुधा मूर्ति ने इसके बाद एक ट्वीट कर सफाई भी दी और बताया कि उन्होंने जो कहानी बताई है वो कई कहानियों में से एक है. हालांकि लोग अब भी ये उनकी बातों से सहमत नहीं है.