नई दिल्ली: चार वर्षों के लंबे इंतजार के बाद नोएडा में सुपरटेक के विवादित एमरल्ड कोर्ट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में घर खरीदनेवाले 135 लोगों को रिफंड मिलने जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डिवेलपर को 30 नवंबर तक 30 करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया. इन 135 होमबायर्स को उनके निवेश की रकम पर 12% का साधारण ब्याज भी दिया जाएगा. सुपरटेक पहले ही 20 करोड़ रुपए जमा करा चुका है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने दो किश्तों में 15 करोड़ रुपए और ब्याज का एक करोड़ रुपया जमा कराने को कहा. आदेश के मुताबिक, सुपरटेक को 5 सितंबर तक 7 करोड़ रुपए जमा कराने होंगे, जबकि शेष राशि नवंबर के आखिर तक जमा करानी होगी. 


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होम बायर्स ने दिया ऐफिडेविेट
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, अमीकस क्यूरी गौरव अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने होमबायर्स के साथ गहन बातचीत की और उनमें 111 ने सालाना 12 प्रतिशत के सामान्य ब्याज दर के साथ निवेश की रकम वापस लेने का शपथ पत्र (ऐफिडेविट) दिया है. हालांकि, 24 होमबयार्स 14 प्रतिशत की दर से ब्याज चाहते हैं. वहीं, सुपरटेक के वकील केशव मोहन ने तय टाइम शेड्यूल के तहत 30 नवंबर तक 21 करोड़ रुपए जमा कराने की रजामंदी दी है. वहीं, पीठ ने कहा कि वह शेष 24 होमबायर्स को भी 12 प्रतिशत की दर से ब्याज के साथ रिफंड लेने को मनाएगी.


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इनका नहीं सुलझा मामला
हालांकि, सबवेंशन स्कीम के तहत घर लेने वाले 15 घर खरीदारों का मामला अभी भी नहीं सुलझा है. इन खरीदारों ने डेवलपर को एकमुश्त राशि दी थी. खरीदारों पर बोझ न पड़े इसलिए कोर्ट ने डेवलपर से EMI जारी रखने को कहा है. आपको बता दें, नियमों के उल्लंघन के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को 12 अप्रैल 2014 को सुनवाई के दौरान सेक्टर 93A में बने एमरेल्ड कोर्ट कॉम्पलेक्स के एपेक्स और सियान टॉवर को तोड़ने का आदेश दिया था. हालांकि, सुपरटेक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे तोड़ने पर रोक लगा दी थी. लेकिन, घर खरीदारों को रिफंड करने का आदेश दिया था.


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रेजिडेंट्स ने लगाया था आरोप
एमरेल्ड कोर्ट ऑनर रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन ने एक याचिका में आरोप लगाया था कि UP अपार्टमेंट एक्ट 2010 के तहत दोनों टावर में नियमों का उल्लंघन किया था. एसोसिएशन ने डेवलपर के दोनों टावर के लिए दिए रिव्यू प्लान को भी नोएडा बिल्डिंग रेगुलेशन एंड डायरेक्शन 2010 के तहत चुनौती दी थी.