Supreme Court on Rs 2000 Note Plea: सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. इस याचिका में किसी मांग पर्ची और पहचान पत्र के बिना 2000 रुपये के नोट बदलने के लिए जारी आरबीआई (RBI) के नोट‍िफ‍िकेशन को चुनौती दी गई थी. न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने रजिस्ट्री द्वारा दायर रिपोर्ट पर विचार किया और कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई करने का कोई कारण नहीं है.


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'यह न्यायालय है, सार्वजनिक मंच नहीं'


सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा क‍ि गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखा जाए. याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्‍व‍िनी उपाध्याय ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि शीर्ष अदालत इतने अहम मामले पर सुनवाई नहीं कर रही है. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि यह न्यायालय है, सार्वजनिक मंच नहीं है. ऐसा दूसरी बार हुआ है जब न्यायालय ने इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया है.


पहले भी तत्‍काल सुनवाई से क‍िया इनकार
इससे पहले न्यायालय ने एक जून को आरबीआई (RBI) की अधिसूचना को चुनौती देने वाली उपाध्याय की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार क‍िया था. उस समय भी अदालत ने कहा था क‍ि गर्म‍ियों के अवकाश के दौरान ऐसी याचिकाओं पर विचार नहीं किया जाएगा. याच‍िकाकर्ता ने उस समय दलील दी थी क‍ि यह मुद्दा बहुत अहम है क्योंकि माओवादी, आतंकवादी और अलगाववादी 2,000 के नोटों को बदल रहे हैं.


दूसरी तरफ गुरुवार को एमपीसी बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने बताया था क‍ि अबतक बैंकों में 1.80 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ चुके हैं. उन्होंने बताया क‍ि 2000 रुपये के करीब 85 प्रतिशत नोट बैंक अकाउंट में जमा किए जा रहे हैं, बाकी नोटों को छोटे नोटों से बदला जा रहा है.