India Switzerland Relation: स्विट्जरलैंड ने कहा है कि सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (MFN) डील को रद्द करने के उसके निर्णय से भारत और EFTA ब्लॉक के बीच पहले से हुई बिजनेस डील को लागू करने में देरी नहीं होगी. भारत और चार देशों के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) ने मार्च में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे आधिकारिक तौर पर टीईपीए (व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता) कहा जाता है.


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हाल ही में स्विट्जरलैंड की सरकार ने एमएफएन का दर्जा निलंबित कर दिया है, जिससे भारत में स्विस निवेश प्रभावित हो सकता है. साथ ही इसके चलते यूरोपीय देश में काम करने वाली भारतीय कंपनियों पर अधिक टैक्स लगाया जा सकता है. 


चार यूरोपीय देशों के बीच डील


टीईपीए के सदस्य देश आइसलैंड, लीकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं. हालांकि, इस समझौते को अभी लागू किया जाना है. भारत में स्विट्जरलैंड के दूतावास ने इस मामले पर पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि इस निर्णय से ईएफटीए-भारत टीईपीए को लागू करने में देरी नहीं होगी. 


दूतावास ने यह भी कहा कि इस निर्णय से स्विटजरलैंड से भारत में होने वाले निवेश पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा. जवाब में कहा गया कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध प्रभावित नहीं होंगे. भारत और चार देशों के यूरोपीय ब्लॉक ने एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.


इस डील के तहत भारत को समूह से 15 साल में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता मिली, जबकि स्विस घड़ियों, चॉकलेट और तराशे हुए तथा पॉलिश किए गए हीरे जैसे कई उत्पादों को कम या शून्य शुल्क पर देश में अनुमति दी गई.


मोस्ट-फेवर्ड-नेशन (MFN) क्या है?


मोस्ट-फेवर्ड-नेशन यानी एमएफएन एक विशेष दर्जा है जो व्यापार और टैरिफ से जुड़ा हुआ है. 1994 के एग्रीमेंट और टैरिफ एवं व्यापार (GATT) के आर्टिकल 1 के तहत, प्रत्येक डब्ल्यूटीओ सदस्य देश को अन्य सभी सदस्य देशों को एमएफएन का दर्जा देना अनिवार्य है. इस स्टेट्स का मतलब यह है कि बंधित देश के साथ व्यापार में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा.