Tata Group: टाटा ग्रुप का मार्केट कैप 30 लाख करोड़ के पार, फिर भी अरबपतियों की लिस्ट में नहीं हैं रतन टाटा
गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 15.6 लाख करोड़ रुपये है. रतन टाटा और उनकी सादगी हमेशा खबरों में रहती है. पिछले दिनों वह बिना बॉडी गार्ड के ही टाटा नैनो से होटल ताज पहुंच गए थे.
Tata Group Market Cap: जब आप किसी देश के सबसे अमीर आदमी के बारे में पूछते हैं तो मुकेश अंबानी का नाम आता है. लेकिन यदि दुनिया की बात करें तो एलन मस्क पहले नंबर पर हैं. अब टाटा ग्रुप का मार्केट कैप बढ़कर 30 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है. यह पहला मौका है जब देश के किसी कारोबारी घराने का मार्केट कैप इस लेवल तक पहुंचा है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में रतन टाटा का नाम क्यों नहीं आता. जबकि उनके पास इतनी संपत्ति है.
मार्केट कैप के मामले में दूसरे नंबर पर रिलायंस ग्रुप
टाटा ग्रुप के बाद देश में मार्केट कैप के मामले में दूसरे नंबर पर रिलायंस ग्रुप है और इसका मार्केट कैप 21.6 लाख करोड़ रुपये है. गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 15.6 लाख करोड़ रुपये है. रतन टाटा और उनकी सादगी हमेशा खबरों में रहती है. पिछले दिनों वह बिना बॉडी गार्ड के ही टाटा नैनो से होटल ताज पहुंच गए थे. अब जब उनके ग्रुप का मार्केट कैप 30 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है तो यह हर तरफ चर्चा का विषय है.
टीसीएस का मार्केट कैप 15 लाख करोड़ के पार
टाटा ग्रुप की सबसे वैल्यूएबल कंपनी टीसीएस है और उसका मार्केट कैप 15 लाख करोड़ रुपये के करीब है. देश की सबसे बड़े मार्केट कैप वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) है. इसके बाद टीसीएस का दूसरा नंबर है. टाटा ग्रुप की ही दूसरी सबसे वैल्यूएबल कंपनी टाटा मोटर्स है. इसका मार्केट कैप 3.4 लाख करोड़ रुपये है. तीसरे नंबर पर ग्रुप की कंपनी टाइटन है, इसका मार्केट कैप 3.2 लाख करोड़ रुपये है.
इस कारण नहीं है अमीरों की लिस्ट में नाम
नमक से लेकर जहाज तक सब हर चीज में टाटा ग्रुप छाया हुआ है. इस ग्रुप के पास लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी लैंड रोवर-जगुआर ही नहीं एयर इंडिया का भी मालिकाना हक है. फिर भी उनका नाम अमीरों की लिस्ट में नहीं आता. दरअसल, किसी भी कंपनी में रतन टाटा का कंट्रोलिंग स्टेक नहीं है. टाटा ग्रुप की स्थापना रतन टाटा के परिवार ने की थी. लेकिन टाटा फैमिली ने ग्रुप के कंपनियों के ज्यादा शेयर अपने पास नहीं रखे. रतन टाटा ने भी ऐसा ही किया. रतन टाटा की नेटवर्थ 2022 में 3800 करोड़ रुपये आंकी गई थी.
ट्रस्ट के नाम है संपत्ति
आपको बता दें टाटा संस की 66 परसेंट हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट के पास है. टाटा ट्रस्ट एक परोपकारी संस्थान है. टाटा संस की कमाई का 66 प्रतिशत हिस्सा ट्रस्ट के पास चला जाता है. रतन टाटा की कमाई का जरिया टाटा संस है और टाटा संस की कमाई का ज्यादातर हिस्सा ट्रस्ट के पास चला जाता है. इसी कारण रतन टाटा की नेटवर्थ में बहुत ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलता. यही कारण है कि टाटा संस को बड़ा मुनाफा होने के बाद भी इसका बहुत छोटा हिस्सा रतन टाटा की नेटवर्थ पर दिखाई देता है. वह 2012 तक टाटा संस के चेयरमैन के पद पर रहे थे.