Work From Home Culture: देश में मूनलाइटिंग पर छिड़ी बहस अभी शांत भी नहीं हुई थी कि देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर को खत्म करने का मन बना लिया है. इससे पहले कंपनी ने अपने कर्मचारियों को ई-मेल कर ऑफिस आने को कहा था, जबकि अब वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी कंपनी ने एक बड़ा ऐलान किया है.


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कंपनी का बड़ा फैसला 


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार अब टीसीएस अब सिर्फ उन कर्मचारियों को ही वर्क फ्रॉम होम देगी जो मेडिकल सर्टिफिकेट सब्मिट करेंगे. यानी अब वर्क फ्रॉम होम के लिए कर्मचारियों को अपनी बीमारी या स्वास्थ्य से संबंधित समस्या का डिटेल देना होगा. और सबसे बड़ी बात कि टीसीएस के पैनल में शामिल डॉक्टर इसका वेरिफिकेशन करेंगे.


किसे मिलेगा वर्क फ्रॉम होम?


आपको बता दें कि कंपनी के पैनल में शामिल डॉक्टर ये तय करेंगे कि कर्मचारी ऑफिस आने के लिए सक्षम है या नहीं. यानी कुल मिलाकर डॉक्टर के सुझाव के बाद कंपनी वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देगी. दरअसल, कंपनी वर्क फ्रॉम होम के लिए बहाना करने वाले कर्मचारियों पर लगाम लेना चाहती है.


कंपनी करेगी कार्रवाई 


आपको बता दें कि टीसीएस के एचआर डिपार्टमेंट की ओर से भेजे गए इंटरनल मेल में यह साफ कर दिया गया है कि वर्क फ्रॉम होम कल्चर को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा. अगर कोई कर्मचारी नियम का पालन नहीं करता है तो तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा और जरूरी कार्रवाई की जा सकती है. मेल के मुताबिक, 'कर्मचारी को छुट्टी पर भेजने सहित प्रशासनिक उपायों को लागू किया जाएगा. इसके अलावा, टीसीएस ने ऑफिस में कर्मचारियों की उपस्थिति पर नजर रखना भी शुरू कर दिया है.'


मूनलाइटिंग बहस के बीच कंपनी का एक्शन 


आपको बता दें कि जिस समय देश में मूनलाइटिंग पर बहस छिड़ी है उसी समय टीसीएस ने यह बड़ा कदम उठाया है. गौरतलब है कि इंफोसिस, एचएसीएल जैसी कंपनियां भी मूनलाइटिंग रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कर चुकी है.