Bird Declared Extinct: करीब 30 साल पहले आखिरी बार देखा गया था ये पक्षी, अब घोषित किया विलुप्त!
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Bird Declared Extinct: करीब 30 साल पहले आखिरी बार देखा गया था ये पक्षी, अब घोषित किया विलुप्त!

Slender billed Curlew: कभी-कभी विलुप्त मानी जाने वाली प्रजातियों को उन स्थानों पर फिर से खोजा जाता है, जहां वे कभी नहीं देखी गईं.

Bird Declared Extinct: करीब 30 साल पहले आखिरी बार देखा गया था ये पक्षी, अब घोषित किया विलुप्त!

Slender Billed Curlew Extinct: जलवायु परिवर्तन ने एक और शिकार को लील लिया है - स्लेंडर-बिल्ड कर्ल्यू नामक प्रवासी समुद्री पक्षी. आईएफएल साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने सालों की खोज के बाद इस पक्षी को निश्चित रूप से मृत घोषित कर दिया है.

रॉयल सोसाइटी फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स (आरएसपीबी) ने आईएफएल साइंस को एक बयान में बताया, "यह मुख्य भूमि यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया से किसी पक्षी प्रजाति की पहली ज्ञात विलुप्ति है."

स्लेंडर-बिल्ड कर्ल्यू को गर्मियों के दौरान साइबेरिया में प्रजनन के लिए जाना जाता था. सर्दियों में, अन्य प्रवासी पक्षियों की तरह, यह भी गर्म क्षेत्र में उड़ जाता था. हालांकि, जब अन्य पक्षी दक्षिण में ट्रॉपिक्स या ऑस्ट्रेलिया की ओर उड़ जाते थे, तो कर्ल्यू की यह प्रजाति भूमध्य सागर की ओर चली जाती थी.

साइंटिस्ट्स का कहना है कि भूमध्य सागर में जाने वाले पक्षी बेहतर तरीके से जीवित रह रहे हैं, क्योंकि उन्हें इसके किनारों पर मानव सभ्यता के विकास के साथ तालमेल बिठाने के लिए काफी समय मिला.

बयान में कहा गया है, "पतले-चोंच वाले कर्ल्यू के प्रजनन और गैर-प्रजनन क्षेत्रों में साक्ष्य खोजने के लिए दशकों से व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सभी असफल साबित हुए हैं." आखिरी बार स्लेंडर-बिल्ड कर्ल्यू को विश्वसनीय रूप से 1995 में मोरक्को में देखा गया था. 2001 में भी इसके देखे जाने की सूचना मिली थी, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी.

वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह पक्षी अपनी आखिरी आधिकारिक झलक के बाद से ही विलुप्त हो चुका है. उनका कहना है कि 96 प्रतिशत संभावना है कि यह पक्षी पृथ्वी पर कहीं नहीं है.

आधिकारिक विलुप्ति घोषणा
उल्लेखनीय रूप से, कभी-कभी विलुप्त मानी जाने वाली प्रजातियों को उन स्थानों पर फिर से खोजा जाता है, जहां वे कभी नहीं देखी गईं. हालांकि, लेटेस्ट स्टडी के ऑथर ने पक्षी को विलुप्त घोषित करने से पहले कई कारकों पर विचार किया, जिसमें उनके सामने आने वाले खतरे भी शामिल थे.

इस पक्षी को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट द्वारा आधिकारिक तौर पर विलुप्त घोषित किया जाएगा. वे इस पक्षी पर निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे, जिसे वर्तमान में 'गंभीर रूप से लुप्तप्राय' के रूप में लिस्टेड किया गया है.

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