नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मॉनसून को लेकर पहला अनुमान जारी कर दिया है. भारत में लगातार तीसरे साल बेहतर मानसून रह सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल देश में साउथ वेस्ट मानसून नॉर्मल रहने की उम्मीद है. पूरे सीजन में 97% बारिश का अनुमान है. मौसम विभाग ने कहा है कि अन-नीनो का खतरा कम हुआ है, मानसून से पहले अल-नीनो की स्थिति न्यूट्रल है. बता दें कि हाल ही में वेदर वेबसाइट Skymet ने इस साल के लिए अनुमान जारी करते हुए कहा था कि मानसून नॉर्मल रहेगा और पूरे सीजन में 96 से 104 फीसदी बारिश हो सकती है. 


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मौसम विभाग का यह है अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल देश के हर इलाके में बेहतर बारिश होने की संभावना है. वहीं, कम बारिश होने की संभावना बेहद कम है. हालांकि, मानसून की चाल पर मौसम विभाग का अगला अनुमान 15 मई को जारी होगा. वहीं, मानसून को लेकर अगला अपडेट जून में जारी होगा. पिछले साल अप्रैल में आईएमडी ने देश में 96 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था.


अल-नीनो का खतरा नहीं
मौसम विभाग के मुताबिक, प्रशांत महासागर में विषुवत रेखा के पास समुद्र के तापमान में कमी बनी हुई है. जून तक इसमें बदलाव की उम्मीदें नगण्य हैं. ऐसे में यहां लॉ नीना इफेक्ट पैदा होता है जिससे विषुवत रेखा के पास चलने वाली हवाएं ट्रेंड विंग के दबाव में जल्दी आती हैं. यह अच्छे मॉनसून का प्रतीक है.


केरल में कब दस्तक देगा मॉनसून
भारतीय मौसम विभाग का 97 फीसदी सामान्य मॉनसून रहने का अनुमान है. मॉनसून से पहले ला-नीना की स्थिति न्यूट्रल है. बता दें कि मई मध्य तक केरल में मॉनसून के दस्तक की तरीख तय होगी और जून में मनसून का दूसरा अनुमान जारी होगा.


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स्काईमेट का क्या अनुमान था
मौसम की जानकारी देने वाली प्राइवेट कंपनी स्काईमेट ने भी कुछ दिन पहले ही मॉनसून को लेकर अनुमान जारी किया था. उसके मुताबिक जून से सितंबर के दौरान 100 फीसदी बारिश का अनुमान है. वहीं, सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना 20 फीसदी है. वहीं, स्काईमेट के मुताबिक, सूखा पड़ने की संभावना जीरो फीसदी है.


पूरे सीजन में 96 से 104% बारिश
स्काईमेट के अनुमान के मुताबिक, इस साल देश में जून-सितंबर के बीच 100 फीसदी बारिश होगी. पूरे सीजन के लिए 96 से 104 फीसदी बारिश होने की संभावना 55 फीसदी है. पूरे सीजन में भारिश की संभावना 5 फीसदी है. वहीं, सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना 20 फीसदी है. वहीं, इस साल सामान्य से कम बारिश की भी संभावना 20 फीसदी है.