नई दिल्ली : कराधान की ऊंची दरें खत्म करने की वकालत करते हुए वाहन उद्योग के निकाय सियाम ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के क्रियान्वयन को लेकर राजनीतिक सहमति की कमी दिल दुखाने वाली बात है।


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सोसाइटी ऑफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) के अध्यक्ष विक्रम किलरेस्कर ने  कहा कि वाहन उद्योग पर बहुत अधिक कर है और इस पर उत्पाद शुल्क की विविध दरें 12.5 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक हैं। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त राज्य सरकारों की ओर से लागू करों के बाद वाहनों पर कर का कुल प्रभाव 84 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। सियाम कराधान घटाने की मांग करता रहा है और जीएसटी को लागू किए जाने की उम्मीद करता रहा है, लेकिन इस पर राजनीतिक सहमति की कमी देखकर दिल को धक्का लगा है। उन्होंने कहा कि लंबी मंदी के बाद वाहन उद्योग की हालत धीरे धीर सुधर रही है पर सरकारी नीतियां और धुआं नियंत्रण के भविष्य के प्रस्तावित नियम इस उद्योग की तेजी में गति अवरोधक का काम करने वाले हैं।


किलरेस्कर ने प्रतिस्पर्धी मुक्त व्यापार समझौतों के बढ़ाने पर चिंता जताते हुए कहा कि ‘हमें नीतियों को फिर से दिशा देने की जरूरत है।’