Share Market: अरे! शेयर खरीदने से पहले जान लें ये अपडेट, इनके पास होल्ड हो जाएंगे आपके शेयर
Share Trading: एक डीमैट खाता वह होता है जहां आपके शेयर डिजिटल रूप से रखे जाते हैं. इसका उपयोग आपके शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में रखने के लिए किया जाता है. यह आपके इंवेस्टमेंट जैसे शेयर, बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियां और म्यूचुअल फंड को होल्ड करने की प्रक्रिया को आसान बनाता है.
Demat Account Opening: शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट करने के लिहाज से कई सारे शेयर मौजूद हैं. वहीं शेयर मार्केट में कभी-भी इंवेस्टमेंट करते हैं तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए ताकी आपको सभी जरूरी बातों का ध्यान रहे. शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त डीमैट अकाउंट की भी काफी जरूरत होती है. ऐसे में इसको लेकर काफी ध्यान रखना चाहिए. एक नए निवेशक के लिए बाजार में गोता लगाना उस समय पेचीदा हो जाता है जब शख्स को बुनियादी शब्दावली की ही समझ न हो. ऐसे में आज हम आपको डीमैट अकाउंट और शेयर कहां होल्ड होते हैं, इसके बारे में बताने वाले हैं. डीमैट खाता क्या है, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स से लेकर NSDL और CDSL तक, किसी भी निवेशक को इनके बारे में जानना काफी जरूरी है.
डीमैट अकाउंट
एक डीमैट खाता (डीमैटरियलाइजेशन खाता) वह होता है जहां आपके शेयर डिजिटल रूप से रखे जाते हैं. इसका उपयोग आपके शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में रखने के लिए किया जाता है. यह आपके इंवेस्टमेंट जैसे शेयर, बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियां और म्यूचुअल फंड को होल्ड करने की प्रक्रिया को आसान बनाता है.
ट्रेडिंग खाता
ट्रेडिंग खाता आपके डीमैट और बैंक खाते के बीच एक सेतु है. जब कोई निवेशक एक निश्चित संख्या में शेयर खरीदता है तो पहला कदम बैंक खाते से राशि को ट्रेडिंग खाते में ट्रांसफर करना होता है. पैसे जमा होने के बाद लेनदेन शुरू किया जाता है. इसी तरह जब कोई निवेशक एक निश्चित संख्या में शेयर बेचता है, तो लेनदेन की राशि ट्रेडिंग खाते में जमा कर दी जाती है. डीमैट खाते के साथ-साथ एक ट्रेडिंग खाता भी बनाया जाता है.
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट
वहीं अपना डीमैट खाता खोलने के लिए आपको सबसे पहले अपनी सुविधा के अनुसार डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट का चयन करना होगा. भारत में दो डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट सीडीएसएल और एनएसडीएल है, जो कि व्यापारियों और निवेशकों के बीच एक मध्यस्थ है. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स में बैंक और फाइनेंस कंपनियां भी शामिल हैं.
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म
आमतौर पर डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स स्टॉक ब्रोकरेज फर्म होते हैं जो निवेशकों को ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, मार्केट रिपोर्ट और अन्य सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलने की सेवा प्रदान करते हैं. एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट डिमटेरियलाइज्ड फॉर्म में सिक्योरिटीज रखने के लिए एक फैसिलिटेटर है और सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन के लिए एक एनेबलर है. जेरोधा, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज, एचडीएफसी सिक्योरिटीज लिमिटेड और कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड डिपॉजिटरी प्रतिभागियों के कुछ उदाहरण हैं.
डिपॉजिटरी क्या है?
डिपॉजिटरी की तुलना बैंक से की जा सकती है. डिपॉजिटरी इलेक्ट्रॉनिक रूप में निवेशकों की प्रतिभूतियों (जैसे शेयर, डिबेंचर, बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियां, इकाइयां आदि) रखती है यानी की यहां पर शेयर होल्ड किए जाते हैं.. प्रतिभूतियों को रखने के अलावा डिपॉजिटरी प्रतिभूतियों में लेनदेन से संबंधित सेवाएं भी प्रदान करता है. डिपॉजिटरी प्रतिभागियों के माध्यम से निवेशकों के साथ एक डिपॉजिटरी इंटरफेस करता है. यदि कोई निवेशक डिपॉजिटरी के जरिए दी जाने वाली सेवाओं का लाभ उठाना चाहता है, तो निवेशक को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के साथ एक खाता खोलना होगा.
NSDL CDSL
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (एनएसडीएल) भारत में दो डिपॉजिटरीज में से एक है. एनएसडीएल की तरह, सेंट्रल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड भी एक डिपॉजिटरी है. दोनों डिपॉजिटरी आपकी वित्तीय प्रतिभूतियों जैसे शेयर और बॉन्ड को डीमैटरियलाइज्ड रूप में रखते हैं और स्टॉक एक्सचेंजों में ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करते हैं. एनएसडीएल और सीडीएसएल दोनों वित्तीय प्रतिभूतियों के स्वामित्व के रिकॉर्ड को बनाए रखते हैं. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स निवेशकों को डिपॉजिटरी से जोड़ते हैं.
NSE BSE
एनएसडीएल के पास प्राथमिक परिचालन बाजार के रूप में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) है, सीडीएसएल का प्राथमिक बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) है. इन डिपॉजिटरी को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड नामक एक सांविधिक निकाय के जरिए विनियमित किया जाता है.
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