What is Aditya L1 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने देश का पहला सूर्य मिशन लॉन्च कर द‍िया. मिशन आदित्य-एल1 (Aditya L1) आज सुबह 11.50 पर श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ. इस म‍िशन का मकसद सूर्य की संभावनाओं का अध्ययन करना है. म‍िशन के लॉन्‍च होने के साथ ही आप इससे जुड़े खर्च के बारे में जानने के इच्‍छुक होंगे. आपको बता दें ऐसे ही मिशन के लिए अमेर‍िकी स्‍पेस एजेंसी NASA ने 12, 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे. लेक‍िन इसरो का खर्च जानकर आपको हैरानी होगी.


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400 करोड़ रुपये खर्च हुए


इसरो की तरफ से आद‍ित्‍य म‍िशन के ल‍िए 400 करोड़ रुपये खर्च क‍िये गए हैं. यानी इस म‍िशन चंद्रयान से भी कम खर्च आया है. 23 अगस्त से चांद पर भेजे गए चंद्रयान-3 में महज 615 करोड़ रुपये का खर्च हुआ था. आदित्य मिशन को 15 लाख किमी की दूरी पर धरती और सूरज के बीच L1 प्‍वाइंट (L1 Point) पर पहुंचाया जाना है. वैज्ञान‍िकों के अनुसार सूर्य के करीब हेलो ऑर्बिट में आद‍ित्‍य को स्थापित करने में करीब 100 से 120 दिन का समय लगेगा.


आदित्य एल 1 में L का मतलब
18वीं शताब्‍दी में जोसेफ लुई लाग्रेंज नामक एस्ट्रोनॉमर ने सूर्य की बाहरी कक्षा में पांच बिंदुओं की खोज की थी. इसे लाग्रेंज प्वाइंट के नाम से जाना जाता है. इस प्‍वाइंट पर सैटेलाइट Stationary रहता है. यहां बिना किसी रुकावट के सूरज के बारे में अध्‍ययन क‍िया जा सकता है. आपको बता दें सूरज तक पहुंचने से पहले आदित्य-एल1 कई चरणों में अपना सफर पूरा करेगा. इसरो ने पहला सूर्य मिशन लॉन्च करके इतिहास रच दिया है. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद दुनियाभर की नजरें भारत पर ट‍िकी हुई हैं.


आदित्य एल 1 का मकसद
इसरो के अनुसार आदित्य L1 का सूरज पर जाकर वहां के वातावरण का अध्‍ययन करेगा. यह सूर्ययान सूरज के करीब जाकर अध्‍ययन नहीं करेगा. इसमें 7 अलग-अलग कैमरे लगाए गए हैं जो सूरज के बारे में अध्‍ययन करेंगे. इसके अध्‍ययन से कई रहस्यों से पर्दा उठने की उम्‍मीद है. आदित्य L1 को सूर्य तक पहुंचने में 4 महीने का समय लगेगा. सूरज के केंद्र का तापमान 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस है. इस जगह पर न्यूक्लियर फ्यूजन होता है, जिसकी वजह से सूरज के चारों तरफ आग निकलती है.