8500 अरब का निवेश, दोगुना होगा एक्सपोर्ट...क्या है EFTA एग्रीमेंट और भारत के लिए क्यों है अहम
EFTA Agreement: भारत ने चार विकसित देशों - स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन के साथ टीईपीए पर हस्ताक्षर किए - जो यूरोप में एक महत्वपूर्ण आर्थिक ब्लॉक है.
India EFTA Agreement: भारत सरकार ने कहा है कि व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) में यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) देशों में बाजार पहुंच के साथ भारतीय निर्यात में 99.6 प्रतिशत की वृद्धि करने और 100 अरब डॉलर का निवेश बढ़ाने की क्षमता है. शुक्रवार को वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल के नेतृत्व में नॉर्वे की यात्रा के दौरान यह बात कही गई.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, वाणिज्य सचिव ने नॉर्वे के उद्योग के लिए कई बड़े अवसरों पर प्रकाश डाला, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले तीन-चार वर्षों में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है.
नॉर्वे के अधिकारी से मुलाकात
बर्थवाल ने नॉर्वे के व्यापार, उद्योग और मत्स्य पालन मंत्रालय के राज्य सचिव टॉमस नोरवेल से मुलाकात की. उन्होंने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने, भारतीय पेशेवरों के लिए गतिशीलता, मौजूदा संस्थागत मेकैनिज्म को फिर से सक्रिय करने और टीईपीए के लिए अगले कदमों पर चर्चा की.
वाणिज्य सचिव ने व्यापार और उद्योग मंत्री महामहिम सेसिली मायर्सेथ और स्वास्थ्य और देखभाल सेवा मंत्री महामहिम जान क्रिश्चियन वेस्ट्रे से भी मुलाकात की. इस यात्रा में नॉर्वेजियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (एनएचओ), इनोवेशन नॉर्वे, शिपबिल्डर्स एसोसिएशन, रेडर बिंग लॉ फर्म और कई बड़ी नॉर्वेजियन कंपनियों के नेताओं और सीईओ सहित व्यापार हितधारकों के साथ चर्चा भी शामिल थी.
ये फर्म अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं, विशेष रूप से, रिन्यूएबल एनर्जी, शिपिंग इंडस्ट्री, उपभोक्ता सामान, ग्रीन हाइड्रोजन, कपड़ा, समुद्री भोजन, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी और आपसी हित के अन्य क्षेत्र.
क्या है EFTA?
भारत ने चार विकसित देशों - स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन के साथ टीईपीए पर हस्ताक्षर किए - जो यूरोप में एक महत्वपूर्ण आर्थिक ब्लॉक है. सरकार के अनुसार, यह समझौता 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देगा और युवा और प्रतिभाशाली वर्कफोर्स को अवसर प्रदान करेगा.
ईएफटीए अपनी टैरिफ लाइनों का 92.2 प्रतिशत प्रदान कर रहा है, जो भारत के 99.6 प्रतिशत निर्यात को कवर करता है. ईएफटीए की बाजार पहुंच पेशकश में गैर-कृषि उत्पादों का 100 प्रतिशत और पीएपी पर टैरिफ रियायत शामिल है. भारत अपनी टैरिफ लाइनों का 82.7 प्रतिशत प्रदान कर रहा है, जो ईएफटीए निर्यात का 95.3 प्रतिशत कवर करता है.
भारत ने ईएफटीए को 105 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है और नॉर्वे से 114 उप-क्षेत्रों में कमिटमेंट पाया है. टीईपीए से अगले 15 वर्षों में भारत में व्यावसायिक और टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए बेहतर सुविधाओं सहित भारत के युवा आकांक्षी कार्यबल के लिए बड़ी संख्या में नई नौकरियों के अवसर पैदा होने की उम्मीद है.