PAN 2.0 Project: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की तरफ से कहा गया कि जब तक PAN 2.0 प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो जाता, तब तक पैन होल्डर ईमेल, मोबाइल और पता अपडेट करने के लिए ऑनलाइन सुविधा का फायदा उठा सकते हैं.
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PAN 2.0 प्रोजेक्ट आने के बाद आपके मौजूदा कार्ड का क्या होगा? इसको लेकर करोड़ों लोगों के मन में सवाल चल रहा है. अगर आपके मन में भी ऐसा ही कोई सवाल है तो आपको बता दें आपका मौजूदा पैन कार्ड PAN 2.0 प्रोजेक्ट के तहत मान्य रहेगा. यूजर्स को इसके लिए आवेदन किये बिना ही आपकी ईमेल आईडी पर मौजूदा पैन कार्ड का इलेक्ट्रॉनिक वर्जन प्राप्त होगा. आयकर विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, यदि कोई फिजिकल कार्ड चाहता है तो उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा और देश के अंदर रहने पर इसके लिए 50 रुपये देने होंगे.
नाम और जन्म तिथि आदि में सुधार कराया जा सकता है
मौजूदा पैन होल्डर यदि अपने पैन की डिटेल जैसे ईमेल, मोबाइल या पते आदि की जानकारी में सुधार करना चाहते हैं तो वे PAN 2.0 प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद इसे फ्री में कर सकते हैं. इसके अलावा नाम, जन्मतिथि आदि में भी सुधार कराया जा सकता है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की तरफ से कहा गया कि जब तक PAN 2.0 प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो जाता, तब तक पैन होल्डर ईमेल, मोबाइल और पता अपडेट करने के लिए ऑनलाइन सुविधा का फायदा उठा सकते हैं.
नकली कार्ड की पहचान आसान हो जाएगी
पैन 2.0 प्रोजेक्ट के तहत क्यूआर कोड बेस्ड सिस्टम लागू होने से नकली कार्ड की पहचान आसान हो जाएगी. इसके बाद टैक्सपेयर एक से ज्यादा पैन कार्ड नहीं रख पाएंगे. हालांकि, नया सिस्टम शुरू होने पर भी मौजूदा पैन कार्ड वैलिड बने रहेंगे और टैक्सपेयर को नए कार्ड के लिए अप्लाई करने की जरूरत नहीं होगी. कार्ड से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी में बदलाव होने पर पैन 2.0 कार्ड के लिए अप्लाई करना होगा.
1435 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने क्यूआर कोड सुविधा से लैस नए तरह के पैन कार्ड जारी करने के लिए 1435 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. अगले साल से लागू होने वाले प्रोजेक्ट को पैन (PAN) जारी करने के मौजूदा सिस्टम को अपग्रेड करने के मकसद से लाया गया है. पैन 2.0 प्रोजेक्ट का मकसद सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल सिस्टम के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ (Uniform Business Identifier) तैयार करना है.
देश में करीब 78 करोड़ पैन
सीबीडीटी (CBDT) की तरफ से जारी बयान के अनुसार प्रोजेक्ट का मकसद पैन एवं टैन जारी करने और उनके प्रबंधन की प्रक्रिया को सिस्टेमेटिक बनाना है. आपको बता देश में करीब 78 करोड़ पैन और 73.28 लाख टैन अकाउंट मौजूद हैं. सीबीडीटी ने कहा कि पैन से संबंधित सेवाएं तीन अलग-अलग प्लेटफॉर्म ई फाइलिंग पोर्टल, यूटीआईआईटीएसएल पोर्टल और प्रोटीन ई-गवर्नेंस पोर्टल पर मौजूद हैं. लेकिन पैन 2.0 के लागू होने पर सभी सेवाएं एक इंटीग्रेटेड पोर्टल पर उपलब्ध होंगी.
सीबीडीटी ने कहा है कि मौजूदा पैन कार्डधारकों को नए कार्ड के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी. उन्हें उसी स्थिति में आवेदन करना होगा, जब उन्हें अपने ब्योरे को अपडेट या संशोधित करना है. नई व्यवस्था के तहत जारी होने वाले कार्ड क्यूआर कोड से लैस होंगे, जिससे कार्ड पर दर्ज जानकारी का वेरिफिकेशन डिजिटल मोड से किया जा सकेगा. इससे नकली आवेदनों पर लगाम लगाई जा सकेगी और कोई व्यक्ति एक से अधिक कार्ड नहीं रख पाएगा.