Nano Liquid Urea: पब्‍ल‍िक सेक्‍टर की नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) ने नैनो ल‍िक्‍व‍िड यूरिया उत्पादन के क्षेत्र में एंट्री करने का ऐलान क‍िया. एनएफएल (NFL) की तरफ से शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा गया कंपनी ‘अपने नांगल संयंत्र में अत्याधुनिक नैनो प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल करके अपने नवीनतम और अत्यंत प्रभावी संस्करण को पेश करके नैनो यूरिया के क्षेत्र में कदम रखेगी.’ कंपनी अपने नांगल प्‍लांट में नए संस्करण के साथ प्रतिदिन 500 मिलीलीटर की 1.5 लाख बोतलें बनाएगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नाइट्रोजन की मात्रा को कम करता है नैनो यूर‍िया


एनएफएल ने कहा, ‘कंपनी बाजार में मौजूदा समय में उपलब्ध विभिन्‍न प्रकार के नैनो यूरिया वेर‍िएंट की प्रभावशीलता और स्वीकार्यता की स्‍टडी करके व्यापक खेत में अनुसंधान कर रही है.’ कंपनी ने कहा कि नैनो यूरिया पोषक तत्वों के अवशोषण के मामले में ज्‍यादा कुशल है और नाइट्रोजन को पहले के मुकाबले ज्‍यादा धीरे-धीरे छोड़ता है. यह पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल है क्योंकि यह ग्रीनहाउस गैसों के रूप में वायुमंडल में जाने वाले नाइट्रोजन की मात्रा को कम करता है.


नियामक सूचना में कहा गया है कि एनएफएल (NFL) देश में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के बीच सबसे बड़ा यूरिया उत्पादक है, जिसकी व‍िभ‍िन्‍न प्रकार के उर्वरकों, बीजों और फसल सुरक्षा उत्पादों में मजबूत उपस्थिति है. कंपनी का कृषि व्यवसाय भारतीय मिट्टी के लिए आवश्यक वैकल्पिक उर्वरकों की एक विस्तृत श्रृंखला को जोड़ने के साथ विस्तार कर रहा है.


क्‍या है नैनो यूर‍िया?
नैनो यूरिया एक उर्वरक है, जो पारंपरिक यूरिया के बेहतर विकल्प के रूप में उभर रहा है. यह ल‍िक्‍व‍िड फार्म में आता है और इसमें नैनो तकनीक का उपयोग करके यूरिया के कणों को बेहद छोटा क‍िया जाता है. नैनो यूरिया के छोटे कण आसानी से पौधों द्वारा अवशोषित हो जाते हैं जिससे पौधों को पोषण मिलने में तेजी आती है और फसल उत्पादन बढ़ता है. यह पारंपरिक यूरिया के मुकाबले कम मात्रा में इस्तेमाल होता है, जिससे मिट्टी और जल प्रदूषण कम होता है. इसके अलावा इसकी कीमत पारंपरिक यूरिया की तुलना में काफी कम है.