Adani Share Price: गौतम अडानी को इन दिनों मुसीबतों ने घेरा हुआ है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में गौतम अडानी पर कई आरोप लगाए गए हैं. जिसके बाद से ही अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है. वहीं इसके साथ ही दुनिया के टॉप 20 अमीरों की सूची से भी गौतम अडानी बाहर हो गए हैं. इस बीच गौतम अडानी देश और दुनिया में काफी सुर्खियों में बने हुए हैं. अडानी ग्रुप हाल ही में अडानी एंटरप्राइजेज का 20,000 करोड़ रुपये का FPO लेकर आया था. हालांकि इस एफपीओ के दौरान ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आ गई, जिसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में भी भारी गिरावट देखने को मिली है. वहीं अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ पूरी तरह से सब्सक्राइब हो चुका था लेकिन इसके बाद भी अडानी ग्रुप ने अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ वापस ले लिया था.


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अडानी
बुधवार 1 फरवरी को अडानी एंटरप्राइजेज के जरिए घोषणा की गई कि उसने अपने 2.5 बिलियन डॉलर के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर यानी FPO के लिए पूर्ण निवेशक सब्सक्रिप्शन हासिल कर लिया है. इसके साथ ही अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि वह अपने FPO को रद्द कर रहा है और निवेशकों का पूरा पैसा लौटा दिया जाएगा. हालांकि अडानी ने अपना एफपीओ क्यों वापस लिया? कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि 1 फरवरी को अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी. इस हालात से परिचित एक शख्स ने बताया कि उस दिन अडानी ग्रुप की 80 बिलियन डॉलर की मार्केट वैल्यू साफ हो गई. वहीं निवेशक भी काफी असमंजस में थे और चिंतित निवेशकों ने अडानी के फाइनेंस टीम को फोन पर फोन करना शुरू कर दिए.


अडानी ग्रुप
रिपोर्ट्स के मुताबिक इन निवेशकों में से एक अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी की मूल कंपनी रॉयल ग्रुप भी शामिल था. जिसने समूह को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की शेयर बिक्री पर पुनर्विचार करने के लिए कहा. वहीं बुधवार दोपहर तक एफपीओ के एक एंकर निवेशकों में से एक ने कहा कि वो आगे ग्रुप का समर्थन नहीं करेगा. इससे पहले दिन में विपक्षी दलों ने केंद्रीय बजट भाषण के दौरान अडानी पर काफी हल्ला बोला था और संसद में नरेंद्र मोदी सरकार को घेर लिया था.


अडानी शेयर
वहीं बुधवार शाम करीब 5 बजे अडानी ने 30 मिनट में एक आपातकालीन बोर्ड बैठक बुलाने के लिए कहा और एफपीओ को रद्द करने की बात कही. इसके बाद रात में करीब 10:21 बजे इसकी जानकारी स्थानीय स्टॉक एक्सचेंजों को भी दी गई. बमुश्किल 19 घंटों में ही भारत की अब तक की सबसे बड़ी फॉलो-ऑन शेयर बिक्री पूरी हो चुकी थी लेकिन इसके बाद भी इस डील को रद्द कर दिया गया. वहीं Royal Group, IHC और Adani Group के प्रतिनिधियों ने किसी भी प्रकार की लिखित टिप्पणी का तुरंत जवाब नहीं दिया.


अडानी एफपीओ
मीडिया रिपोर्ट् का कहना है कि अडानी ने अपने निवेशकों के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों की रक्षा के लिए फॉलो-ऑन ऑफर को रद्द कर दिया नहीं तो उन्हें बाजार में काफी नुकसान उठाना पड़ता. साथ ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट का और ज्यादा बुरा प्रभाव अडानी ग्रुप पर पड़ सकता था.


हिंडनबर्ग रिपोर्ट
अपनी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और शेयर बाजार में हेरफेर, मनी लॉन्ड्रिंग के साथ-साथ अन्य कथित अपराधों का आरोप लगाया था, जिसे उसने "कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा चोर" करार दिया था. वहीं इस रिपोर्ट का जवाब भी अडानी ग्रुप ने दिया और इस रिपोर्ट को फर्जी और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए पलटवार किया और कानूनी कार्रवाई की भी बात कही. हिंडनबर्ग के रिपोर्ट के जवाब में अडानी ग्रुप ने 413 पन्नो का जवाब देकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का खंडन किया था.


एलआईसी
वहीं एफपीओ को रद्द करने को लेकर एलआईसी ने अच्छा इशारा माना है. भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड अडानी ग्रुप की 5 कंपनियों में शेयरधारक है. एलआईसी ने एफपीओ को वापस लेने के फैसले को अच्छे कॉर्पोरेट प्रशासन का इशारा माना. इस दौरान गौतम अडानी ने एक वीडियो के जरिए संबोधित करते हुए कहा था कि उनके लिए उनके निवेशकों का हित सर्वोपरि है और सब कुछ गौण है. हालांकि अडानी ग्रुप की कंपनियों में अभी भी बिकवाली जारी है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जारी होने के बाद से शुक्रवार तक अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्यू 110 बिलियन डॉलर से ज्यादा खत्म हो चुकी है.


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