Residential Property: प्रॉपर्टी खरीदना काफी बड़ी बात होती है. Residential Property में घर, फ्लैट आदि शामिल होते हैं तो Commercial Property में दुकानें, ऑफिस आदि आते हैं. हालांकि Commercial Property काफी महंगी होती है और Residential Property काफी सस्ती होती है. लेकिन क्या आपको इसके पीछे का कारण पता है कि ऐसा क्यों होता है? आखिर Commercial Property के दाम Residential Property के मुकाबले ज्यादा क्यों होते हैं? आइए जानते हैं...


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लिमिटेड स्पेस


Commercial Property काफी लिमिटेड स्पेस में ही बनाई जाती है. इसके लिए शहर-गांव में मौजूद प्रशासन से भी इसकी इजाजत लेनी पड़ती है. कई जगहों पर इसके लिए लाइसेंस भी जरूरी होता है. इसकी जितनी डिमांड होती है उसके हिसाब से ही इसकी कीमत होती है. लिमिटेड जगहों पर बनने के कारण इनकी कीमत काफी ज्यादा होती है. साथ ही इसके साथ कई सरकारी खर्च भी जुड़ जाते हैं. इसके कारण भी इसकी कीमत बढ़ जाती है.


लोकेशन


Commercial Property की लोकेशन जितनी बढ़िया होगी, उतनी ही ज्यादा उसकी कीमत होगी. अगर कोई Commercial Property प्राइम लोकेशन पर होगी तो कीमत भी काफी ज्यादा देखने को मिलेगी. भीड़-भाड़ वाले इलाकों में भी Commercial Property के दाम ज्यादा होते हैं.


डेवलपमेंट लागत


किसी भी Commercial Property को बनाने या उसको डेवलप करने की लागत काफी ज्यादा आती है. इस कारण से भी Commercial Property की कीमत काफी बढ़ जाती है. Commercial Property का रखरखाव भी ज्यादा करना पड़ता है. जिसके कारण भी इसकी कीमत काफी ज्यादा हो जाती है. सिक्योरिटी के लिहाज से भी कई खर्चे करने पड़ जाते हैं.


इनकम


Commercial Property कमाई के लिहाज से बनाए जाते हैं और इनसे रेगुलर इनकम भी आती रहती है. रेंटल इनकम भी इनसे काफी ज्यादा मिल सकती है. साथ ही दुकान, ऑफिस चलाए जाते हैं वो भी इनकम जनरेट करते हैं. इस कारण भी Commercial Property ज्यादा महंगी होती है.