Gold Loan: गोल्ड लोन लेने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने चिंता जाहिर की है. बैंकों और फाइनेंस कंपनियों द्वारा गोल्ड लोन जारी करने में रिकॉर्ड वृद्धि को देखते हुए RBI ने लेखांकन अंतराल को संबोधित करते हुए खराब ऋण निर्माण को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए कहा है. वित्त वर्ष 2015 की पहली तिमाही में गोल्ड लोन में साल-दर-साल 26% की वृद्धि हुई है. 


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वित्त उद्योग विकास परिषद के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में गोल्ड लोन मंजूरी में साल-दर-साल 26% और मार्च तिमाही में 32% की वृद्धि हुई. इस दौरान कुल 79,217 करोड़ रुपये की लोन राशि जारी की गई है. यह वृद्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वृद्धि एक बार की घटना नहीं है बल्कि कई तिमाहियों से लगातार होती रही है. अप्रैल-जून 2023 के दौरान यह वृद्धि 10% थी.


गोल्ड लोन लेने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि


गोल्ड लोन में यह वृद्धि बैंकों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद है. अगस्त 2024 के लिए बैंक ऋण पर आरबीआई के क्षेत्रीय आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड लोन साल-दर-साल लगभग 41% बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये हो गया है.


इससे पहले सोमवार को RBI ने कहा था कि उसने गोल्ड लोन देने वाले संस्थानों के कामकाज में कई अनियमितताएं पाई हैं और उनसे अपनी नीतियों एवं पोर्टफोलियो की समीक्षा करने को कहा है. RBI ने कर्जदाताओं को भेजे एक संदेश में कहा कि विवेकपूर्ण दिशा-निर्देशों के पालन पर हाल ही में की गई समीक्षा में सोने के आभूषणों और आभूषणों को गिरवी रखकर दिए जाने वाले ऋणों के संबंध में कई खामियां सामने आई हैं. 


गोल्ड लोन देने में कई खामियां


आरबीआई के मुताबिक, कर्जों के स्रोत और मूल्यांकन के लिए तीसरे पक्ष के उपयोग में कमियां, ग्राहक की गैर-मौजूदगी में सोने का मूल्यांकन, अपर्याप्त जांच-पड़ताल और गोल्ड लोन के अंतिम उपयोग पर निगाह रखने में कमी और चूक होने पर सोने के आभूषणों की नीलामी के दौरान पारदर्शिता का अभाव जैसी खामियां पाई गई हैं.