Public Sector Banks: केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय पर विचार नहीं कर रही है. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं.


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चौधरी ने कहा कि बैंक क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए सुधारों ने प्रणालीगत सुधार किए हैं और अत्यधिक दबाव की स्थिति फिर से उत्पन्न होने के जोखिम को कम करने के लिए जांच और नियंत्रण स्थापित किए हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय पर विचार किये जाने के बारे में पूछे जाने पर, चौधरी ने कहा कि इस पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है. 


2019 में चार बैंकों का हुआ था मर्जर


चौधरी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विलय के बाद पूंजी पर्याप्तता अनुपात और सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में सुधार हुआ है. सरकार ने अगस्त 2019 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चार बड़े विलय की घोषणा की थी. इससे उनकी कुल संख्या वर्ष 2017 में 27 से घटकर 12 रह गई, इस कदम का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वैश्विक आकार का बैंक बनाना था.


MSSC के तहत खुले 43 लाख से ज्यादा खाते


वित्त राज्य मंत्री ने एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में कहा कि महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना (MSSC) के तहत इस साल 31 अक्टूबर तक 43,30,121 खाते खोले जा चुके हैं. यह खाता विशेष रूप से महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के लिए 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने के लिए 31.03.2023 को शुरू की गई थी.


इस अकांउट में जमा पैसों पर सामान्य अकांउट की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है. इस अकांउट को खुलवाने का मकसद देश की महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देना था.