Recession Warning: ‘खतरनाक’ मंदी की तरफ बढ़ रही पूरी दुनिया, वर्ल्ड बैंक ने किया आगाह
GDP: विकासशील देशों में होने वाला पूंजी प्रवाह बंद हो गया है. इससे गरीबों पर असर पड़ रहा है. मालपास ने कहा, हम विकासशील देशों में लोगों को आगे बढ़ने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं... बेशक, सभी देश अलग हैं, हम आज कुछ देशों की चर्चा करेंगे.
Economic Growth Rate: वर्ल्ड बैंक के चेयरमैन डेविड मालपास ने आगाह किया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था खतरनाक रूप से मंदी की ओर बढ़ रही है. उन्होंने गरीबों को लक्षित समर्थन देने का भी आह्वान किया. हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गोरिंचेस ने कहा था कि भारत ऐसे समय में चमकदार रोशनी की तरह उभरा है जब दुनिया मंदी की आशंका का सामना कर रही है.
इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान घटाया
डेविड मालपास ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक के दौरान मीडिया से कहा, 'हमने 2023 के लिये आर्थिक वृद्धि दर (Economic Growth Rate) के अनुमान को 3 प्रतिशत से घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है. वैश्विक अर्थव्यवस्था खतरनाक रूप से मंदी की ओर बढ़ रही है. वैश्विक मंदी कुछ परिस्थितियों के अंतर्गत हो सकती है.'
मुद्रास्फीति सबसे बड़ी समस्या
उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति बड़ी समस्या है, ब्याज दर बढ़ रही है और विकासशील देशों में जो पूंजी प्रवाह हो रहा था, वह बंद हो गया है. इससे गरीबों पर असर पड़ रहा है. मालपास ने कहा, 'हम विकासशील देशों में लोगों को आगे बढ़ने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं... बेशक, सभी देश अलग हैं, हम आज कुछ देशों की चर्चा करेंगे.'
ज्यादा ब्याज दर कर्ज बढ़ने का कारण
उन्होंने कहा कि विकासशील देशों में कर्ज बढ़ने का कारण ब्याज दर ज्यादा है. एक तरफ कर्ज बढ़ रहा है और दूसरी तरफ उनकी मुद्राएं कमजोर हो रही हैं. मालपास ने कहा, 'मुद्रा के मूल्य में गिरावट कर्ज का बोझ बढ़ा रही है. विकासशील देशों के सामने कर्ज संकट की समस्या है...' उन्होंने बहुपक्षीय संस्थान की ओर से गरीबों को लक्षित समर्थन देने का भी आह्वान किया.
दुनिया को रोशनी दिखाएगा भारत
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गोरिंचेस ने कहा भारत ऐसे वक्त में चमकदार रोशनी की तरह उभरा है जब दुनिया मंदी संकट का सामना कर रही है. उन्होंने कहा भारत को 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को पाने के लिए ढांचागत सुधार करने होंगें. गोरिंचेस ने कहा, भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. जब यह 6.8 या 6.1 की ठोस दर के साथ बढ़ रही है तो यह उल्लेखनीय बात है.
(इनपुट: भाषा)
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