नई दिल्ली: पूर्वोत्तर भारत में विश्व का सबसे ऊंचा रेल पुल बन रहा है. इस पुल की ऊंचाई करीब 141 मीटर है. वर्तमान में यूरोप में 139 मीटर ऊंचा रेलवे पुल है जिसके नाम विश्व के सबसे ऊंचे पुल का खिताब है. लेकिन, इस पुल के बन जाने के बाद यह खिताब उससे छिन जाएगा. दरअसल, पूर्वोत्तर भारत की बात की जाए तो वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा ही रेलमार्ग से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम और नागालैंड में रेलवे का विस्तार बहुत ज्यादा नहीं है. 


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इन पांच राज्यों की राजधानियों को रेलवे से जोड़ने के लिए जिरीबाम-तुपुल-इंफाल के बीच नई लाइन बिछाई जा रही है. इसी लाइन पर मणिपुर में 141 मीटर ऊंचा पुल बनाया जा रहा है. इस पुल की लंबाई 703 मीटर है. बता दें, जिरीबाम-तुपुल-इंफाल रूट पर 45 सुरंग बनाई जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि इसके निर्माण का काम 2022 तक पूरा हो जाएगा.


 



 


बता दें, इन 45 सुरंगों में से 12 नंबर की सुरंग सबसे लंबी है, जो करीब 10.80 किलोमीटर की है. यह पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे लंबी सुरंग होगी. यहां निर्माण काम काफी तेजी से चल रहा है. पुल के पिलर को हाइड्रोलिक के माध्यम से बनाया जा रहा है. इसके लिए स्लिप फॉर्म टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है. स्टील के गार्डर को वर्कशॉप में बनाकर तैयार किया जा रहा है. निर्माण वाले जगह पर इसकी असेंबलिंग की जाती है.


इस पुल का निर्माण नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे की तरफ से किया जा रहा है. इस पुल को लेकर रेलमंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया है, "पूर्वोत्तर भारत में कनैक्टिविटी और विकास के लिये विश्व के सबसे ऊंचे पुल का निर्माण जारी है, इससे मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम और नागालैंड तक की यात्रा आसान होगी, साथ ही यह पुल पूर्वोत्तर में विकास और समृद्धि के नये द्वार खोलेगा."