Worst IPO in India: शेयर बाजार में पैसे बनाने के कई तरीके हैं. कोई शेयर में शॉर्ट टर्म निवेश करके पैसा कमाता है तो कोई लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करके. कुछ निवेशक ऐसे भी होते हैं जो इस रिस्क में नहीं पड़ना चाहते और सिर्फ आईपीओ में पैसा लगाकर लिस्टिंग के वक्त या लिस्टिंग के 1-2 हफ्ते बाद पोजिशन क्लोज करके प्रॉफिट लेकर निकल जाते हैं. अगर कंपनी बड़ी और नामी हो तो आईपीओ को निवेश के लिए सबसे सेफ माना जाता है. यही सोचकर लाखों निवेशकों ने तीन कंपनियों में पैसा लगाया, लेकिन उनके साथ ऐसा हुआ कि वो आज भी पछता रहे हैं.


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दरअसल इस साल कुछ ऐसी कंपनियों के आईपीओ आए जिनका इंतजार मार्केट को काफी दिनों से था. ये बड़ी कंपनियां थीं. एक्सपर्ट से लेकर ब्रोकरेज हाउस तक सबने निवेश की सलाह दी, लोगों ने भी जल्दी ज्यादा प्रॉफिट लेने के लिए इनमें पैसा लगा दिया, लेकिन हुआ इसके उलट. धीरे-धीरे ये शेयर इतने टूट चुके हैं कि निवेशक कंगाल बनने की कगार पर हैं. चलिए आपको बताते हैं ऐसे ही तीन शेयरों के बारे में.


1. कमजोर हुई थी LIC के शेयर की लिस्टिंग


एलआईसी आईपीओ के इतिहास के सबसे चर्चित आईपीओ में से एक है. जब से इसके आईपीओ की घोषणा हुई तभी से निवेशकों की नजर इसमें पैसा लगाने की थी. इस सरकारी बीमा कंपनी का कद बड़ा था, आईपीओ भी बड़ा था, ऐसे में लोगों ने टूटकर इसमें पैसा लगाया. एलआईसी का आईपीओ इस साल 4 से 9 मई के बीच ओपन हुआ था. इसका प्राइस बैंड 902 रुपये से 949 रुपये के बीच रखा गया था, लेकिन स्टॉक मार्केट में इसकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस से 8.11 फीसदी कम 872 रुपये पर हुई. हालांकि बाद में मई में ये ऊपर गया, लेकिन फिर इसमें गिरावट आने लगी. लिस्टिंग से लेकर अब तक इसके शेयर 6 महीने में करीब 30 फीसदी तक गिर चुके हैं. शुक्रवार को एलआईसी का शेयर 613.20 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. लिस्टिंग के वक्त एलआईसी का मार्केट कैप 6,00,242 करोड़ रुपये था, लेकिन अब यह घटकर 3.88 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है.


2. जोमैटो ने उम्मीदें तोड़ीं 


जोमैटो के आईपीओ से भी लोगों को काफी उम्मीदें थीं. इसका प्राइस बैंड 72 से 76 रुपये था. इसे अच्छा रेस्पॉन्स मिला. बीएसई में इसकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस के मुकाबले 65.59 फीसदी अधिक 125.80 रुपये पर हुई थी. लिस्टिंग के बाद जोमैटो का शेयर 169.10 रुपये तक भी पहुंचा. लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट शुरू हुई. 27 जुलाई 2022 को इस शेयर ने अपना 52 हफ्ते का सबसे लो 40.55 रुपये बनाया. शुक्रवार को जोमैटो का शेयर 1.31 फीसदी की तेजी के साथ 62.05 रुपये पर बंद हुआ, लेकिन यह अभी भई अपने इश्यू प्राइस से नीचे है. 


3. पेटीएम ने किया सबसे ज्यादा निराश


पेटीएम का आईपीओ पिछले साल 8 से 10 नवंबर को आया था. इसका प्राइस बैंड 2080 से 2150 रुपये के बीच रखा गया था. इस आईपीओ को लेकर बाजार में अलग ही माहौल था. लोगों ने भी इसमें जमकर निवेश किया, लेकिन इसकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस से 9 फीसदी कम पर हुई. मार्केट बंद होते-होते ये शेयर 1,564 रुपये पर आ गया. तब निवेशकों को एक ही दिन में प्रति शेयर 586 रुपये का घाटा हुआ था. शुक्रवार को इसके इसके शेयर की कीमत 677 रुपये थी. लिस्टिंग के बाद से यह शेयर 50 फीसदी से अधिक की गिरावट देख चुका है. निवेशकों को अभी प्रति शेयर 1,473 रुपये का घाटा झेलना पड़ रहा है.



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