लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए फेस्टिव सीजन में दिवाली बोनस का ऐलान कर दिया है. सरकार के इस फैसले से करीब 15 लाख कर्मचारियों और शिक्षकों को फायदा पहुंचेगा. राज्य सरकार ने 30 दिनों की बेसिक सैलरी के आधार पर बोनस देने का फैसला किया है. 


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इतना मिलेगा बोनस
सरकार के फैसले के अनुसार बोनस का 25 फीसदी हिस्सा नकद मिलेगा, जबकि 75 फीसदी राशि कर्मचारियों के पीएफ खाते में जमा होगी. इस फैसले से राज्य के खजाने पर कुल 1022.75 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा. एक कर्मचारी को कुल 6908 रुपये बोनस के तौर पर मिलेंगे. 



ये कर्मचारी आएंगे दायरे में 
ये बोनस उन अराजपत्रित कर्मचारियों को मिलेगा जिनका ग्रेड पे 4800 रुपये है. इसके दायरे में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, कॉलेज, डिग्री कॉलेज और अन्य प्रावधिक शिक्षण संस्थानों में कार्यरत सभी कर्मचारी भी आएंगे. इसके अलावा स्थानीय निकायों के कर्मचारी और दैनिक वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा. 


पिछले वर्ष की तरह बोनस का 75 फीसदी धनराशि पीपीएफ खाते में जमा होगा, जबकि 25 फीसदी धनराशि का नकद भुगतान किया जाएगा. जिन कर्मचारियों के पास में पीपीएफ अकाउंट नहीं है, उन्हें धनराशि का विड्रॉल कर उससे एनएससी प्रदान की जाएगी या धनराशि पीपीएफ खाते में जमा की जाएगी. जो कर्मचारी 31 मार्च, 2020 के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं, अथवा 30 अप्रैल 2021 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनको बोनस की सम्पूर्ण धनराशि का नकद भुगतान किया जाएगा. 
 
31 मार्च, 2020 को वास्तविक औसत परिलब्धियां 7000 रुपये से ज्यादा होने की स्थिति में 7000 रुपये की परिकल्पित परिलब्धि मानकर दिनांक 31 मार्च, 2020 को 30 दिन की परिलब्धियां तदर्थ बोनस के रूप में दी जाएंगी. 


बोनस की सुविधा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भी मिलेगी. ऐसे दैनिक वेतन कर्मचारी, जिन्होंने 06 कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों में 31 मार्च, 2020 को 03 वर्ष अथवा उससे अधिक समय तक लगातार कार्य किया हो और प्रत्येक वर्ष कम से कम 240 दिन कार्य किया हो और 05 कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों के मामले में 03 या इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष 206 दिन कार्यरत रहे हों, उनको भी इसका लाभ मिलेगा.


दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के मामले में बोनस का कैल्कुलेशन हेतु अधिकतम मासिक परिलब्धियां 1200 रुपये प्रतिमाह मानी जाएगी. बता दें कि प्रदेश में 8,80,187 अराजपत्रित राज्य कर्मचारी, 6,000,00 राज्य वित्त पोषित शिक्षण संस्थाओं के शिक्षक तथा 2000 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी इस दायरे में आते हैं.


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