नई दिल्ली: खराब आर्थिक दौर से गुजर रहे भारत के लिए कोरोना वायरस (Coronavirus) अभिषाप बनकर आया है. 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते देश में कारोबार लगभग ठप हैं. कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, आम जनता परेशान है. ऐसे में मोदी सरकार आम जनता को कोरोना के मार से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.


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बीते दो दिनों में सरकार ने मुफ्त राशन से लेकर होम लोन, कार लोन और क्रेडिट कार्ड ईएमआई भरने में छूट जैसे कई बड़े ऐलान किए हैं. अब आम जनता से लेकर बिजली वितरण कंपनियों को सरकार एक और सौगात देने जा रही है. ज़ी न्यूज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक बिजली क्षेत्र के लिए सरकार ने राहत पैकेज जारी कर दिया है. सरकार ने माना कि बिजली उपभोक्ता अगले तीन महीने तक बिजली का बिल भरने में सक्षम नहीं दिख रहे हैं इसलिए बिजली कंपनियों के पास कैश की कमी हो जाएगी लिहाजा ऊर्जा मंत्रालय ने राहत की घोषणा की है.


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इसके तहत बिजली वितरण कंपनियां बिजली निर्माण करने वाली कंपनियों को बकाया पैसा बाद में भी चुका सकती हैं. उन्हें बिजली मिलती रहेगी. उन्हें तत्काल पैसा चुकाने के लिए फोर्स नहीं किया जाएगा. बिजली वितरण कंपनियों को एडवांस पेमेंट की रकम भी अब केवल 50% ही देनी होगी.


बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा
CERC (सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन) बिजली वितरण कंपनियों पर लेट चार्ज सरचार्ज आदि नहीं लगाएगी. इसका मतलब ये भी है कि वितरण कंपनियां ग्राहकों से भी लेट चार्ज या पेनाल्टी नहीं लेने की सुविधा दे सकती हैं.


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रेलवे ऐसे करेगी मदद
70% बिजली कोयले से बनती है इसलिए कोयले की आपूर्ति में बाधा नहीं आने दी जाएगी, इसके लिए रेलवे को भी कोयला ढुलाई में मदद देने को कहा गया है. इन सारी कवायद का मकसद कोरोना के कारण उपजी समस्या से निपटते हुए 24 घंटे सातों दिन बिजली उपलब्ध कराना है.


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