Dual Degree Program: ऐसे स्टूडेंट्स जो इस साल 12वीं बोर्ड की परीक्षा पास दे चुके हैं, वो अब कॉलेज में एडमिशन लेने की तैयारी में लगे होंगे. अगर आप अपने पसंदीदा कोर्स और करियर ग्रोथ बेहतर विकल्प वाले कोर्स को लेकर कंफ्यूज हैं तो आपके पास एक बेहतर विकल्प है. आप एक साथ दो-दो सब्जेक्ट्स में एक्सपर्टीज हासिल कर सकते हैं. आप ड्यूल डिग्री कोर्स करके ऐसा कर सकते हैं. आज के समय में ड्यूल डिग्री प्रोग्राम का बोल-बाला हो रहा है. 


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हालांकि, स्टूडेंट्स के मन में इस ड्यूल डिग्री कोर्स को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर ड्यूल डिग्री कोर्स क्या है और इसे करने से क्या फायदे हैं, एक साथ दो डिग्री कैसे हासिल की जा सकती है...


क्या है ड्यूल डिग्री प्रोग्राम?
अगर आपको नॉलेज में डायवर्सिटी चाहिए और इसके साथ-साथ दो अलग-अलग विषयों में विशेषज्ञता पाना चाहते हैं, तो डुअल डिग्री प्रोग्राम का हिस्सा बन सकते हैं. कई यूनिवर्सिटी अलग-अलग विषयों और कोर्स के लिए डुअल डिग्री का विकल्प ऑफर कर रही हैं. समान लेवल स्टडी की दो अलग-अलग स्ट्रीम में दोहरी डिग्री हासिल की जा सकती है, जैसे अगर आप मनोविज्ञान के साथ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डुअल डिग्री प्रोग्राम करते हैं तो आप बीए मनोविज्ञान और बीबीए ये दोनों डिग्रियां एक साथ हासिल कर सकेंगे. 


12वीं के बाद डुअल डिग्री
ऐसे स्टूडेंट्स जो 12वीं के बाद डुअल डिग्री कोर्सेस के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, उनके पास आवेदन करने के लिए कई विकल्प हैं. ऐसे में आप बीटेक+एमबीए, बीए+ एलएलबी, बीटेक+एलएलबी, बीटेक+एमएस, बीई+एमई, बीएड+एमएड आदि कोर्स अपने लिए चुन सकते हैं. बता दें कि इन कोर्सस में दाखिले के लिए पात्रता मानदंड और एक साथ दो डिग्री चुनने की उपलब्धता संबंधित यूनिवर्सिटी की ओर से तय की जाती है.


डुअल डिग्री के फायदे
डुअल डिग्री कोर्स आपकी नॉलेज और स्किल को बढ़ाता है. 12वीं पास छात्र एक साथ यूजी और पीजी की डिग्री ले सकते हैं. इसके लिए उन्हें केवल एक प्रवेश प्रक्रिया से गुजरना होगा. इस कोर्स का चयन करके आपके समय और पैसे दोनों की बचत होती ह. ये कोर्स नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाकर विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर करियर विकल्प  प्रदान करते हैं. 


ऐसे करें एक साथ दो डिग्री
एक डिग्री ऑफलाइन मोड , ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग या दोनों ऑनलाइन मोड में कर सकते हैं. आप डुअल डिग्री प्रोग्राम को एक या अलग-अलग यूनिवर्सिटी से कर सकते हैं. इसके अलावा कोर्स से जुड़े डिप्लोमा या डिग्री यूजीसी से मान्यता प्राप्त होने चाहिए.