इस साल UG एडमिशन में डीयू नहीं बनेगा CUET स्कोर की सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग का हिस्सा, PG से हो सकती है शुरुआत
CUET UG: डीयू में प्रवेश प्रक्रिया अन्य विश्वविद्यालयों से अलग है, इसलिए इस शैक्षणिक सत्र में डीयू यूजी एडमिशन के लिए सीयूईटी स्कोर की सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग में भाग नहीं लेगा. इसकी जानकारी यूजीसी को दे दी गई है.
CUET UG Centralized Counseling: यूजीसी ने सीयूईटी स्कोर के आधार पर बैचलर डिग्री कार्यक्रमों में एडमिशन के लिए एक सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग आयोजित करने का फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ महीने से इस बारे में यूजीसी और विभिन्न विश्वविद्यालय प्रबंधन के बीच कई बैठके हुई हैं. यूजीसी इस एकेडमिक सेशन से कुछ यूनिवर्सिटी में पायलट प्रोजेक्ट से सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग की शुरुआत करने की तैयारी में है, जिसमें यूजी और पीजी दोनों प्रोग्राम शामिल होंगे.
सीयूईटी यूजी स्कोर से करीब 200 विश्वविद्यालय एडमिशन दे रहे हैं. जानकारी के मुताबिक अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में सिंगल विंडो से एडमिशन के लिए सीयूईटी यूजी के लिए करीब 14.9 लाख स्टूडेंट्स ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था.
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डीयू पीजी से कर सकता है शुरुआत
डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह का कहना है कि यूजी कोर्सेस में एडमिशन के लिए इस साल यूनिवर्सिटी हिस्सा नहीं लेगी, सब ठीक रहा तो अगले सत्र से यूजी प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, कहा जा रहा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी इस एकेडमिक सेशन के लिए मास्टर डिग्री प्रोग्राम को सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग से जोड़ सकता है.
सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग का मकसद
सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग में हिस्सा लेने वाले विश्वविद्यालयों का टोटल सीटों, सब्जेकट्स और रिजर्वेशन के साथ पेज तैयार किया जाएगा. सीयूईटी यूजी स्कोर के आधार पर स्टूडेंट्स पसंदीदा यूनिवर्सिटी के लिए अप्लाई कर सकेंगे. इसके बाद विश्वविद्यालय सीयूईटी यूजी के बेस्ट स्कोर से सीट अलॉट करेंगे. इससे एडमिशन प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी आएगी. सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग का उद्देश्य स्टूडेंट्स को घर बैठे सभी विश्वविद्यालयों में इसके जरिए सीयूईटी यूजी स्कोर से सीट अलॉट करने में मदद करना है.
स्नातक में प्रवेश के लिए सीयूईटी यूजी की शुरुआत
एनईपी 2020 के तहत सिंगल विंडो से स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए यूजीसी ने सीयूईटी यूजी की शुरुआत की थी. इस परीक्षा के बाद विभिन्न विश्वविद्यालय स्कोर से आगे अपने नियमों के तहत बेस्ट 4 और 5 सब्जेक्ट्स के आधार पर सीट अलॉट करते हैं. इससे छात्रों को देशभर के विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए कई एप्लीकेशन फॉर्म भरने और एंट्रेंस एग्जाम देने से निजात मिली. अभी भी स्टूडेंट्स को विभिन्न यूनिवर्सिटी में जाकर एडमिशन प्रक्रिया में शामिल होना पड़ता है.