Oxford University Study: नागरिकता अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध कानून के एक छात्र और वेटरनरी साइंस की पढ़ाई कर रहे छात्र समेत पांच को 2025 के रोड्स विद्वान के रूप में चुने गए पांच भारतीयों में शामिल हैं.


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वे अक्टूबर 2025 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जाएंगे, जहां पांचों भारतीय पूरी तरह से फंडेड पोस्टग्रेजुएट स्टडीज करने के लिए दुनिया भर के सौ से ज्यादा विद्वानों के ग्रुप का हिस्सा बनेंगे.


रोड्स स्कॉलरशिप दुनिया की सबसे प्रमुख और सबसे पुरानी ग्रेजुएट फेलोशिप है, जिसकी शुरूआत 1903 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई थी. भारत के लिए स्कॉलरशिप 1947 में शुरू हुई और हर साल प्रदान की जाती है.


रोड्स सीईओ एलिजाबेथ किस ने कहा, "एक सदी से भी ज्यादा समय से, रोड्स ट्रस्ट असाधारण लोगों को ऑक्सफोर्ड में लाई है और एक वाइब्रेंट ग्लोबल कम्युनिटी को बढ़ावा दिया है."


चयनित भारतीयों में शामिल हैं - रेयान चक्रवर्ती, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं; विभा स्वामीनाथन, जो नेशनल लॉ स्कूल, बेंगलुरू में लॉ की फाइनल ईयर की स्टूडेंट हैं; अवनीश वत्स, जिन्होंने झारखंड में विकलांग लोगों के लिए एजुकेशन और स्वास्थ्य देखभाल पर रिसर्च किया है.


इनके अलावा, आईसीएआर, बरेली में वेटरनरी साइंस और पशुपालन में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे शुभम नरवाल और आईआईटी,बंबई में बीटेक इंजीनियरिंग फिजिक्स के फाइनल ईयर के छात्र पाल अग्रवाल भी चयनित भारतीयों में शामिल हैं.


भारत के लिए रोड्स छात्रवृत्ति की शुरुआत 1947 में हुई थी. अब तक, दो सौ से ज़्यादा भारतीयों को यह छात्रवृत्ति मिल चुकी है. अमेरिकी नागरिकों को हर साल 32 रोड्स स्कॉलरशिप दी जाती हैं. रोड्स स्कॉलरशिप के कुछ प्रसिद्ध प्राप्तकर्ताओं में हॉवर्ड फ़्लोरे, रॉबर्ट क्यू. मार्स्टन, और लुसी बांडा जैसे नाम शामिल हैं.


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