UPSC के लिए डॉक्टरी छोड़ी, हासिल की ऑल इंडिया 9वीं रैंक, इंटरव्यू में भी हाईएस्ट मार्क्स... पर नहीं बनीं IAS अफसर
IFS Apala Mishra: अपाला मिश्रा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपनी मेडिकल प्रैक्टिस बीच में ही छोड़ दी थी. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी में ऑल इंडिया 9वीं रैंक हासिल की और इंटरव्यू में सबसे अधिक मार्क्स भी हासिल किए, लेकिन वह आईएएस ऑफिसर नहीं बनीं.
IFS Apala Mishra UPSC Success Story: मेडिकल और यूपीएससी भारत में दो सबसे प्रतिष्ठित करियर में से एक माने जाते हैं. लाखों युवा मेडिकल या यूपीएससी में करियर में करियर बनने की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन बहुत कम उम्मीदवार ही इनमें से किसी एक फील्ड में अपना करियर बना पाते हैं. हालांकि, कुछ असाधारण लोग ऐसे भी हैं, जो अपनी लाइफ में मेडिकल और यूपीएससी दोनों में करियर बनने में सक्षम हुए हैं. ऐसी ही एक प्रेरक कहानी आईएफएस अपाला मिश्रा की है, जिन्होंने यूपीएससी पास करने के लिए मेडिकल प्रैक्टिस छोड़ दी थी.
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की मूल निवासी अपाला मिश्रा 2020 बैच की IFS अधिकारी हैं. 1997 में जन्मी अपाला मिश्रा एक आर्मी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता अमिताभ मिश्रा कर्नल हैं, जबकि उनके भाई अभिषेक मिश्रा सेना में मेजर हैं. उनकी मां डॉ. अल्पना मिश्रा दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग में प्रोफेसर हैं.
आर्मी कॉलेज से किया ग्रेजुएशन
अपाला मिश्रा ने देहरादून से कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने रोहिणी, दिल्ली से कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी की. इसके अलावा, अपाला ने आर्मी कॉलेज से बीडीएस किया, जिसके बाद उन्होंने डेंटिस्ट की डिग्री हासिल की. उनका दावा है कि वह हमेशा समाज के लिए काम करना चाहती थीं, यही वजह है कि उन्होंने सिविल सेवा में जाने का फैसला किया.
तीसरे प्रयास में मिली सफलता
इसके लिए उन्होंने अपनी मेडिकल प्रैक्टिस भी छोड़ दी और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. हालांकि, वह अपने पहले दो प्रयासों में यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं. लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार उन्होंने परीक्षा पास कर ली और तीसरे प्रयास में 9वीं रैंक हासिल करके आईएफएस टॉपर्स की लिस्ट में शामिल हो गईं.
इंटरव्यू में हासिल किए सबसे अधिक मार्क्स
यूपीएससी इंटरव्यू में उन्होंने 275 में से 215 अंक हासिल किए थे और पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने वाली छात्रा बनीं. सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने दावा किया कि वह 7-8 घंटे पढ़ाई करती थीं. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पहले दो प्रयासों में की गई गलतियों का विश्लेषण करके सही रणनीति बनाई.