Career in Meteorology: देश के इस हिस्से में भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है, इन जगहों पर आंधी-तूफान की आशंका है, तो यहां हल्की बारिश से मौसम सुहावना हो सकता है... कुछ इसी तरह से मौसम वैज्ञानिकों के जरिए हमें उस दिन का हाल मालूम जो जाता है. इससे हमें अंदाजा लग जाता है कि आगे का दिन कैसा गुजरने वाला है और उसके हिसाब से हम पहले से ही इस दिन की तैयारी कर सकते हैं. इस तरह से आप भी मौसम का हाल बता सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिन शुरू होने से पहले ही मौसम का मिजाज कैसे पता चलता है?  


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पहले तो हम अखबारों, दूरदर्शन या न्यूज चैनल्स के जरिए मौसम की खबरें जान पाते थे.फिर वक्त बदला और अब एक क्लिक पर हम अपने मोबाइल और लैपटॉप पर मौसम का तेवर जान लेते हैं. अब मौसम के मुताबिक भारी बारिश, शीत लहर या हीटवेव का अलर्ट भी पहले ही मिल जाता है. मौसम का हाल पता करने के लिए विशेष पढ़ाई करनी पड़ती है. अगर आप भी इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो यहां जानिए इस फील्ड से जुड़ी तमाम जरूरी बातें...


क्या करते हैं मेट्रोलॉजिस्ट?
सटीक और समय पर जानकारी देने के लिए मेट्रोलॉजिस्ट मौसम के पैटर्न और वायुमंडलीय स्थितियों का अध्ययन करते हैं. 


मौसम विज्ञानी बनने के लिए जरूरी योग्यता
मौसम विज्ञान में 10वीं पास करने के बाद आप डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं. मेटियोरोलॉजी कोर्स करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से मौसम विज्ञान या संबंधित विषय में ग्रेजुएशन करना होगा. इसके बाद आप बेहतर ग्रोथ के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी की डिग्री भी ले सकते हैं.


मेट्रोलॉजिस्ट बनने के लिए कर सकते हैं ये कोर्स
फिजिकल मेटियोरोलॉजी
क्लाइमेटोलॉजी
एग्रीकल्चर मेटियोरोलॉजी
एविएशन मेटियोरोलॉजी
सिनॉप्टिक मेटियोरोलॉजी
डायनामिक मेटियोरोलॉजी
सैटेलाइट मेटियोरोलॉजी


देश के इन टॉप कॉलेजों से से कर सकते हैं मेटियोरोलॉजी कोर्स
IIT दिल्ली
IIT खड़गपुर
IITM पुणे
आईआईएससी
पंजाब यूनिवर्सिटी
कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
आंध्र यूनिवर्सिटी
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर
उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी