CBSE Fake Sample Question Papers: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक चेतावनी जारी की है. ये चेतावनी उन वेबसाइटों और ऑनलाइन पोर्टल्स के लिए है जो सीबीएसई से जुड़ी गलत जानकारी फैला रही हैं. इस गलत जानकारी में सीबीएसई का सिलेबस, रिसोर्स, सेंपल क्लेश्चन पेपर आदि शामिल हैं. बोर्ड ने छात्रों को सलाह दी है कि वे ऐसी वेबसाइटों और उनके द्वारा फैलाई जा रहीं अफवाहों पर भरोसा न करें.


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आधिकारिक सूचना में बताया गया है कि, यह हमारे ध्यान में आया है कि कुछ ऑनलाइन पोर्टल और वेबसाइटें सेंपल क्वेश्चन पेपर, सिलेबस, सीबीएसई रिसोर्सेज और एक्टिविटीज से संबंधित पुराने लिंक और अनवेरिफाइड न्यूज प्रसारित कर रही हैं. ये लिंक और न्यूज 2024-25 सेशन के लिए अपडेट जानकारी प्रदान करने का झूठा दावा करते हैं.


हम जनता के हित में इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि अनऑथराइज्ड सोर्स से मिलने वाली जानकारी भ्रामक हो सकती है और इससे स्कूलों, छात्रों, अभिभावकों और अन्य हितधारकों के बीच अनावश्यक उलझन पैदा हो सकती है.


CBSE की कुछ जरूरी वेबसाइटें और उनके लिंक


  • CBSE Academic: सीबीएसई शैक्षिक और स्किल एजुकेशन से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए, छात्र और अभिभावक सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट https://www.cbseacademic.nic.in/ पर जा सकते हैं. यह वेबसाइट आपके सभी सवालों के जवाब देने का एक विश्वसनीय सोर्स है. सीबीएसई से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए, आधिकारिक वेबसाइट को छोड़कर किसी अन्य स्रोत पर भरोसा न करें.

  • Results — results.cbse.nic.in

  • CTET (Central Teacher Eligibility Test) — ctet.nic.in

  • Prashikshan Triveni (training related activities) — cbseit.in/cbse/2022/ET/frmListing

  • CBSE SARAS (Integrated e-Affiliation System) — saras.cbse.gov.in/SARAS

  • Pariksha Sanga, (exam related activities) — parikshasangam.cbse.gov.in/ps/


हाल ही में, CBSE ने कुछ सब्जेक्ट में थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षा के नंबरों में बहुत बड़ा अंतर पाए जाने के कारण स्कूलों को प्रैक्टिकल परीक्षाओं का मूल्यांकन सही तरीके से करने का आदेश दिया है. जारी एक सूचना में, सीबीएसई ने बताया कि उन्होंने "पिछले साल के नतीजों के आंकड़ों के आधार पर, लगभग 500 सीबीएसई से जुड़े स्कूलों में से 50 फीसदी या उससे ज्यादा स्टूडेंट्स के लिए कुछ सब्जेक्ट में थ्योरी और प्रैक्टिकल के नंबरों में एडवांस्ड एआई डिवाइस के माध्यम से एक जरूरी अंतर पाया है."