Ijya Tiwari Success Story: कहते हैं मजबूत इरादे और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. अगर ये दोनों चीजें आपके पास हैं तो आपकी सफलता निश्चित है. इस बात को सच साबित किया इज्या तिवारी ने, जिन्होंने लाइफ के हर एग्जाम का सामना किया और मेहनत की बदौलत नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया. इज्या ऐसे लोगों के लिए एक बड़ी मिसाल है, जो मंजिल के रास्ते में मिलने वाली तफलीफों से हार मान कर बैठ जाते हैं. आइए जानते हैं कन्नौज जिले की एआरटीओ ऑफिसर इज्या की सफलता की कहानी...


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अपनों ने छोड़ा साथ
लखनऊ की रहने वाली इज्या तिवारी ने 12 साल की उम्र में पिता को बीमारी के चलते खो दिया था, तब वह 8वीं में पढ़ती थीं. पिता की बीमारी में सारी जमापूंजी खर्च होने के कारण पैतृक घर छोड़ किराए से रहना पड़ा. अपनों ने भी साथ छोड़ दिया और पिता के जाने से मां की मनोदशा भी कुछ ठीक नहीं रहती थी. ऐसे में घर में खाने का इंतजाम करने तक को पैसे नहीं थे. इसके बाद बेटी अपनी मां का सहारा बनीं. 


पहले ही प्रयास में मिली सफलता
अपने माता-पिता की इकलौती संतान इज्या के जीवन के शुरुआती दिन बहुत मुश्किल थे, लेकिन उन्होंने हार नही मानी. ब्राइट लाइन इंटर कॉलेज के प्रोफेसर ने उन्हें फ्री में पढ़ाया. इज्या ने ट्यूशन लेकर अपने कॉलेज की पढ़ाई का खर्च उठाया. इस दौरान अपनी मां को भी ग्रेजुएशन कराया. पिता की मृत्यु के बाद मां टूट गई थी, ऐसे में एक मां की तरह उनकी सेवा की. 


UPPCS की तैयारी शुरू की
मेहनती और पढ़ने में रुचि होने के कारण उन्हें 2014 में बैंक में नौकरी लग गई, लेकिन इज्या ने पढ़ाई नहीं छोड़ी. जॉब से वापस आने के बाद इज्या ने अपनी मां का ध्यान रखते हुए रात में 9 से 2-3 बजे रात तक पढ़ाई करती थी. आखिरकार 4 सालों की मेहनत रंग लाई और साल 2018 में उन्होंने उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर ली. इज्या ने बिना किसी कोचिंग के पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की.


हर हाल में मिलेगी सफलता
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए इज्या का यही संदेश है कि अपनी पढ़ाई के दौरान समय का खास ध्यान रखें. पढ़ाई करते समय खुद को बाकी चीजों से अलग कर दें. जीवन में आने वाले के उतार-चढ़ाव के बीच भी अपनी पढ़ाई को बिल्कुल अलग रखें. युवाओं को किसी भी सिचुएशन में हताश नहीं होना चाहिए. अगर पूरे मन से तैयारी करते हैं तो सफलता जरूर मिलेगी.