IAS Success Story: आईएएस ऑफिसर बनने का सपना तो ज्यादातर युवा देखते ही हैं, लेकिन इस पद तक पहुंचने के लिए खुद को पूरी तरह झोंक देना पड़ता है. तब कहीं जाकर लाखों में से करीब हजार पदों के लिए लोगों का चयन हो  पाता है. इस सपने को पूरा करना हर किसी के बस की बात है, क्योंकि यह सफर इतना आसान नहीं होता, लेकिन एक महिला ऑफिसर ने ये साबित किया कि इरादा पक्का हो, तो मुश्किल से मुश्किल रास्ता पार किया जा सकता. हम बात कर रहे आईएएस स्तुति चरण की, जिन्होंने फुल टाइम जॉब के साथ यूपीएससी सफलता हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गईं. आइए जानते हैं कैसा था उनका यहां तक का सफर... 


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राजस्थान की हैं आईएएस स्तुति
स्तुति चरण का जन्म राजस्थान के जोधपुर जिले के खारी कल्ला गांव में हुआ था. उन्होंने भीलवाड़ा के विवेकानंद केंद्र विद्यालय अपना स्कूल एजुकेशन कंप्लीट किया. इसके बाद आगे कि पढ़ाई लाचू मेमोरियल कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से की. ग्रेजुएशन के बाद स्तुति ने आईआईपीएम, नई दिल्ली से पर्सनल और मार्केटिंग मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा कोर्स किय. इसके बाद बैंकिंग सेंक्टर में स्तुति क नौकरी लग गई. वह यूको बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO) के तौर पर काम करने लगीं. स्तुति ने बताया था कि यहीं से उनकी लाइफ को एक नई दिशा मिली...


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सपना किया साकार 
बैंक की फुल टाइम नौकरी के साथ ही स्तुति ने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी. वह हमेशा से ही सोशल सर्विस करके देश की बेहतरी में अपना योगदान देना चाहती थीं. उनका सपना था कि वह आईएएस अधिकारी बनें. ऐसे में उन्होंने जॉब के बाद मिले अपने पर्सनल टाइम को पढ़ाई में लगा दिया. हालांकि, दूसरे एस्पिरेंट्स की तरह ही स्तुति के लिए भी यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उनका इरादा बड़ा पक्का था.  यह उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम था कि स्तुति ने साल 2012 में न केवल यूपीएससी में सफलता पाई, बल्कि तीसरी रैंक लाकर इतिहास ही रच दिया.


स्तुति के दृढ़ संकल्प और लगन की बदौलत उन्हें अपना सपना पूरा करने में कामयाबी मिली. स्तुति ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, 'मैं बचपन से ही खुद को आईएएस के रूप में देखने की उम्मीद के साथ बड़ी हुई हूं, इसीलिए मैंने अपने लक्ष्य से कभी समझौता नहीं किया."


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परीक्षा की तैयारी के टिप्स
IAS स्तुति चरण की कड़ी मेहनत और सही स्ट्रेटजी का ही नतीजा है कि उन्हें तीसरी रैंक हासिल करने में सफलता मिली. स्तुति का कहना है कि समय का सदुपयोग, निरंतरता और सही दिशा में मेहनत करना सबसे जरूरी बातें हैं. स्तुति ने नौकरी के बावजू भी यूपीएससी की तैयारी की, जिसके लिए उन्होंने लगातार रिवीजन किया. साथ ही एक बेहतर प्लानिंग के साथ पढ़ाई की.