इस फॉर्मूला को अपनाकर लघिमा तिवारी बिना कोचिंग पहले प्रयास में बनीं IAS, आई थी ऑल इंडिया 19वीं रैंक
IAS Laghima Tiwari: राजस्ठान के अलवर की रहने वाली लघिमा तिवारी ने बिना किसी कोचिंग की मदद के देश की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस का पद हासिल किया है. उन्होंने इस परीक्षा को पास करने के लिए एक अनोखे फॉर्मूले को अपनाया था.
IAS Laghima Tiwari Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में ऑल इंडिया 19वीं रैंक हासिल करने वाली लघिमा तिवारी ने साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और निरंतरता ही सफलता का मूल मंत्र है. दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक लघिमा ने अपने पहले प्रयास में ही बिना किसी कोचिंग के यह मुकाम हासिल किया है. राजस्थान के अलवर की रहने वाली लघिमा की सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
टॉपर्स से सीख बनाया सफलता का रास्ता
लघिमा ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान यूट्यूब पर टॉपर्स के इंटरव्यू देखकर बहुत कुछ सीखा. उन्होंने स्टैटिक पार्ट, बेसिक जीएस और करंट अफेयर्स को यही से कवर किया. उन्होंने किसी कोचिंग को ज्वाइन करने के बजाय टेस्ट सीरीज और सेल्फ स्टडी पर ज्यादा भरोसा किया. यह उनका यही तरीका था जिसने उन्हें सफलता दिलाई.
इस फॉर्मूले को अपनाकर बनीं IAS
लघिमा का मानना है कि सफलता के लिए निरंतरता बहुत जरूरी है. उन्होंने उम्मीदवारों को सलाह दी है कि वे कम समय में भी पढ़ाई करें, लेकिन लगातार करते रहें. उन्होंने यह भी कहा कि पहले से परीक्षा की तैयारी की रणनीति बनाना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा प्रीलिम्स के बाद उम्मीदवारों को मेंस की तैयारी तुरंत शुरू कर देनी चाहिए.
लीग से हटकर लिए निर्णय ने खोले सफलता के द्वार
लघिमा ने यूपीएससी मेंस परीक्षा के लिए मानवविज्ञान (Anthropology) को अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना, जबकि उनकी बैकग्राउंड बायोलॉजी का था. इससे उन्होंने साबित कर दिया कि अगर आप मेहनत करें तो कोई भी विकल्प आपके लिए सफलता का द्वार खोल सकता है.
परिवार को दिया सफलता का श्रेय
लघिमा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है. उन्होंने कहा कि उनका परिवार हमेशा उनके साथ रहा है और उनकी प्रेरणा से ही उन्हें सफलता मिली है.